विज्ञापन
This Article is From Jun 06, 2024

Analysis: BSP जीरो पर आउट पर 'INDIA' को दे गई बड़ी चोट; जानें- UP और MP में कैसे बिगाड़ा खेल?

बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) से लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन को लेकर कांग्रेस की तरफ से कई बार प्रयास किए गए थे हालांकि मायावती ने ये कहते हुए गठबंधन से इनकार कर दिया था कि बसपा को गठबंधन से लाभ नहीं मिलता है.

Analysis: BSP जीरो पर आउट पर 'INDIA' को दे गई बड़ी चोट; जानें- UP और MP में कैसे बिगाड़ा खेल?
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में विपक्षी दलों ने पिछले 2 चुनावों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया. सपा, कांग्रेस, टीएमसी, जेएमएम जैसे दलों ने पिछले चुनाव की तुलना में अधिक सीटों पर जीत हासिल की. हालांकि इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. मायावती की पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. हालांकि उत्तर प्रदेश की कम से कम 16 और मध्य प्रदेश की 2 सीटों पर बसपा ने विपक्षी गठबंधन का खेल बिगाड़ दिया.

उत्तर प्रदेश में 16 ऐसी सीटें हैं जहां हार और जीत के अंतर से अधिक वोट लाकर बसपा ने इंडिया गठबंधन का खेल बिगाड़ दिया. इन 16 में से 14 सीटों पर बीजेपी को और 2 सीटों बीजेपी के सहयोगी दलों को जीत मिली. इसी तरह मध्यप्रदेश में भी मायावती की पार्टी ने कांग्रेस को 2 सीटों पर जमकर नुकसान पहुंचाया. सतना और मुरैना में बसपा के उम्मीदवार को मिले वोट ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया. 

यूपी में बसपा से इंडिया को भारी नुकसान
उत्तर प्रदेश में बसपा के कारण कांग्रेस को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. अकबरपुर, अलीगढ़, अमरोहा, बांसगांव, भदोही, बिजनौर, देवरिया, फर्रुखाबाद,फतेहपुर सिकरी, हरदोई, मेरठ, मिर्ज़ापुर, मिसरिख, फूलपुर, शाहजहांपुर, उन्नाव जैसी सीटों पर बसपा उम्मीदवारों ने इतना वोट लाया जिससे सपा और कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव हार गए. 

कुछ सीटों पर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को बहुत कम मतों से हार का सामना करना पड़ा है.  बांसगांव, फर्रुखाबाद और फूलपुर में जीत का अंतर बेहद कम देखने को मिला है. इन सीटों पर 5 हजार से भी कम मतों से बीजेपी के उम्मीदवारों को जीत मिली है. वहीं इन सीटों पर बसपा के उम्मीदवार को  64,000, 45,000 और 82000 से अधिक वोट मिले हैं. 

मध्यप्रदेश में भी बिगाड़ा कांग्रेस का खेल 
मध्यप्रदेश की 29 में 21 सीटों पर बीएसपी का उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहा. बसपा के उम्मीदवारों ने कांग्रेस पार्टी के मतों में कई जगहों पर सेंध लगा दी.सतना में बीजेपी से बीएसपी में शामिल होने वाले मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी को 1,85,618 वोट मिले. सतना लोकसभा सीट को बीजेपी के गणेश सिंह ने 5वीं बार जीता है. यहां इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार सिद्धार्थ कुशवाहा को 3,74,779 वोट मिले यानी 84,949 मतों का अंतर. कुल मिलाकर मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी सहित 19 उम्मीदवार मैदान में थे लेकिन कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान बसपा के नारायण त्रिपाठी से ही मिला जिन्होंने 1,85,618 मत हासिल किए.  इसी तरह मुरैना सीट पर बीएसपी उम्मीदवार रमेश गर्ग को 1,84,618 वोट मिले यहां बीजेपी उम्मीदवार शिवमंगल सिंह तोमर सिर्फ 52,530 वोट से जीते.

Latest and Breaking News on NDTV

BSP के वोट प्रतिशत में बड़ी गिरावट
बहुजन समाज पार्टी के वोट प्रतिशत में बहुत बड़ी गिरावट इस चुनाव में देखने को मिली. पिछले चुनाव में 38 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए बसपा ने 19.42 प्रतिशत वोट लाया था लेकिन 2024 के चुनाव में 79 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद भी बसपा का वोट शेयर 10 प्रतिशत से भी नीचे आ गया. बसपा को इस चुनाव में महज 9.39 प्रतिशत वोट ही मिले हैं. बसपा का आधार वोट तेजी से कम होता दिख रहा है. इस चुनाव में प्रयोग के तौर पर मायावती ने कई मुस्लिम चेहरों को मैदान में उतारा लेकिन उन्हें अच्छी सफलता उन सीटों पर नहीं मिली. 

Latest and Breaking News on NDTV

मायावती का नहीं चला मुस्लिम कार्ड
मायावती ने इस चुनाव में 21 सीटों पर उत्तर प्रदेश में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था हालांकि 2-3 सीटों को छोड़कर किसी भी सीट पर उनके उम्मीदवार का वोट प्रतिशत अच्छा नहीं रहा. मुस्लिम मत नहीं मिलने से नाराज बसपा प्रमुख ने चुनाव बाद जारी अपने बयान में कहा कि  उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद मुस्लिम समाज बसपा को ठीक से नहीं समझ पा रहा है लिहाजा पार्टी भविष्य में होने वाले चुनावों में बहुत सोच समझ कर ही मुसलमानों को मौका देगी. 

मायावती ने कहा, 'बहुजन समाज पार्टी का खास अंग मुस्लिम समाज जो पिछले कई चुनावों में व इस बार भी लोकसभा चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद बसपा को ठीक से नहीं समझ पा रहा है तो अब ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझ के ही चुनाव में पार्टी द्वारा मौका दिया जायेगा ताकि पार्टी को भविष्य में इस बार का तरह नुकसान ना हो.' गौरतलब है कि इस साल लोकसभा चुनाव में बसपा ने सबसे ज्यादा 35 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए थे.

अपने गढ़ को भी नहीं बचा पायी बसपा
उत्तर प्रदेश में कभी अपने दम पर सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी इस चुनाव में आशंकाओं के अनुसार ही सबसे खराब हालत में पहुंच गयी. कभी जिस सीट सीट नगीना से मायावती ने भी चुनाव लड़ा था उस सीट पर इस चुनाव में बसपा अपना जमानत भी नहीं बचा पायी. नगीना सीट पर बसपा के उम्मीदवार चौथे नंबर पर पहुंच गए. इस सीट से चंद्रशेखर आजाद चुनाव जीतने में सफल रहे.

Latest and Breaking News on NDTV

18वीं लोकसभा का क्या है गणित? 
18 वीं लोकसभा चुनाव के लिए हुए चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली एनडीए को 293 सीटों पर जीत मिली है. बीजेपी स्वयं बहुमत से 32 सीटें दूर है. ऐसे में एक-एक सीट दोनों गठबंधनों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. राजनीति के जानकारों का मानना रहा है कि अगर बसपा ने इंडिया गठबंधन का साथ दिया होता तो लोकसभा की समीकरण कुछ और हो सकते थे. अगर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की 18 सीटों पर बसपा का साथ इंडिया गठबंधन को मिल गया होता तो एनडीए के आंकड़े 273 के करीब आ जाते और ऐसे हालत में विपक्ष के लिए बीजेपी को मुश्किल में लाना आसान हो सकता था. 

बसपा ने अगर नहीं पहुंचाया होता नुकसान तो क्या होते हालात? 
अगर इंडिया गठबंधन को 18 सीटों का नुकसान नहीं हुआ होता तो एनडीए मुश्किल से 272 सीटों को पार करता दिखता. ऐसे हालत में एक भी सहयोगी के छिटकने से बीजेपी की सरकार बनने में दिक्कत हो सकती थी. अभी के हालात में सिर्फ जदयू या टीडीपी के हटने से भी सरकार की सेहत पर विशेष फर्क पड़ता नहीं दिखता है. 

ये भी पढ़ें-: 

NDA के सहयोगी- किसमें कितना है दम? क्या गठबंधन में है कोई कमजोर कड़ी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com