शिमला:
हिमाचल प्रदेश में निर्माणाधीन रोहतांग सुरंग प्रोजेक्ट के लिए काम करने वाला सप्लाई ब्रिज सोमवार को चंद्रा नदी की तेज धाराओं की वजह से उस वक्त बह गया जब एक ट्रक उसके ऊपर से गुजर रहा था. ट्रक के ड्राइवर को तत्काल को बचा लिया गया.
रोहमांग प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर डीएन भट्ट ने कहा, ''लाहौल और स्फीति के सिस्सु पर टेलिंग गांव के निकट उत्तर में सुरंग तक पहुंचने वाला ब्रिज अचानक ढह गया लेकिन इससे कोई जन हानि नहीं हुई. ''
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ट्रक को इसमें से निकाला जाएगा और अगले चार-पांच दिनों में पुल की मरम्मत कर इसे दुरुस्त कर दिया जाएगा. भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण इस क्षेत्र में भू-स्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं. इससे इस क्षेत्र की सड़कों पर भारी नुकसान हुआ है.
लेह-मनाली हाईवे पर रोहतांग दर्रे के नीचे 8.8 किमी लंबी यह सुरंग निर्माण कार्य पूरा होने पर देश की सबसे बड़ी सुरंगों में शुमार होगी. बर्फबारी के कारण रोहतांग दर्रा छह महीने बंद रहता है जबकि इस सुरंग के जरिये पूरे साल आवागमन की सुविधा मिलेगी.
(एजेंसी पीटीआई से भी इनपुट)
रोहमांग प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर डीएन भट्ट ने कहा, ''लाहौल और स्फीति के सिस्सु पर टेलिंग गांव के निकट उत्तर में सुरंग तक पहुंचने वाला ब्रिज अचानक ढह गया लेकिन इससे कोई जन हानि नहीं हुई. ''
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ट्रक को इसमें से निकाला जाएगा और अगले चार-पांच दिनों में पुल की मरम्मत कर इसे दुरुस्त कर दिया जाएगा. भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण इस क्षेत्र में भू-स्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं. इससे इस क्षेत्र की सड़कों पर भारी नुकसान हुआ है.
लेह-मनाली हाईवे पर रोहतांग दर्रे के नीचे 8.8 किमी लंबी यह सुरंग निर्माण कार्य पूरा होने पर देश की सबसे बड़ी सुरंगों में शुमार होगी. बर्फबारी के कारण रोहतांग दर्रा छह महीने बंद रहता है जबकि इस सुरंग के जरिये पूरे साल आवागमन की सुविधा मिलेगी.
(एजेंसी पीटीआई से भी इनपुट)
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