- गोरखपुर में नवविवाहिता ने शादी के तीन दिन बाद पति की शारीरिक अक्षमता के आधार पर तलाक मांगा है.
- दूल्हे की मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि वह वैवाहिक संबंधों के लिए अयोग्य और पिता नहीं बन सकता है.
- दूल्हा सहजनवा का रहने वाला इंजीनियर है, जबकि दुल्हन का परिवार बेलियापार में रहता है,
गोरखपुर में एक नवविवाहिता ने शादी के तीन दिन बाद ही तलाक मांगा है. महिला का आरोप है कि उसके पति ने शादी की रात को कुबूल किया कि वह वैवाहिक संबंधों के लिए ‘शारीरिक रूप से अक्षम' है. पुलिस ने बताया कि दुल्हन के परिवार का दावा है कि बाद में आई मेडिकल रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि दूल्हा पिता नहीं बन सकता, जिसके बाद उन्होंने तोहफे और शादी का खर्च वापस मांगा.
महिला द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस में उसने कहा, ‘मैं ऐसे व्यक्ति के साथ अपनी जिंदगी नहीं बिता सकती जो वैवाहिक संबंधों के लिए शारीरिक रूप से अक्षम है. यह बात शादी की रात उसने मुझे खुद बताई है.'
रिश्तेदारों ने तय कराई शादी
दूल्हा (25) सहजनवा के रहने वाले एक अमीर किसान परिवार का इकलौता बेटा है और गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की एक औद्योगिक इकाई में इंजीनियर के तौर पर काम करता है. परिवार के सूत्रों के मुताबिक दुल्हन का परिवार बेलियापार में रहता है और यह शादी रिश्तेदारों के माध्यम से तय की गई थी. विवाह 28 नवंबर को हुआ था और अगले दिन ‘विदाई' हुई थी.
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उन्होंने बताया कि यह मामला एक दिसंबर को सामने आया, जब दुल्हन के पिता एक पारंपरिक रस्म के लिए उसके ससुराल गए. दुल्हन ने उन्हें बताया कि दूल्हे ने वैवाहिक संबंधों के लिए चिकित्सीय आधार पर शारीरिक रूप से अक्षम होने की बात मानी है. इसके बाद दुल्हन को दूल्हे के परिवार को बताए बिना तुरंत उसके मायके वापस ले जाया गया.
यह दूल्हे की दूसरी नाकाम शादी
सूत्रों के मुताबिक दोनों परिवार तीन दिसंबर को बेलियापार में एक रिश्तेदार के घर मिले जहां दुल्हन पक्ष ने दूल्हे के परिवार पर उसकी चिकित्सीय स्थिति की बात छुपाने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी दावा किया कि यह दूल्हे की दूसरी नाकाम शादी थी. उसकी पहली पत्नी भी दो साल पहले शादी के एक महीने के अंदर इसी वजह से चली गई थी.
दूल्हे का कराया गया मेडिकल चेकअप
दुल्हन के परिजन के मुताबिक दोनों परिवारों की सहमति से दूल्हे को चिकित्सीय जांच के लिए गोरखपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया. जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि दूल्हा वैवाहिक संबंधों के लिए चिकित्सीय रूप से अयोग्य है और ‘वह पिता नहीं बन सकता.
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दुल्हन के परिजन का कहना है कि दूल्हे के पिता ने शुरू में अपने बेटे की मेडिकल जांच कराने से मना कर दिया था, जिसके बाद दुल्हन के परिवार ने पुलिस से संपर्क किया और शादी के दौरान दिए गए सभी तोहफे और नकदी वापस करने की मांग की.
आपसी सहमति से सुलझाया जा रहा मामला
उन्होंने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद समझौता हो गया. दूल्हे का परिवार एक महीने के अंदर शादी के खर्च के तौर पर 7 लाख रुपये और सभी उपहार वापस करने पर सहमत हो गया. दोनों पक्षों ने रिश्तेदारों की मौजूदगी में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. सहजनवा के थाना प्रभारी महेश चौबे ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया, ‘दोनों परिवार संपर्क में हैं और मामला आपसी सहमति से सुलझाया जा रहा है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं