उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कैसरगंज के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने कहा कि उन्हें पार्टी से अब कभी भी मौका नहीं मिलेगा. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण इस लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था. मई में जब उनसे पूछा गया था कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनाव में टिकट नहीं मिला है तो उन्होंने कहा था, "मेरे बेटे को टिकट मिल गया है." उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में करण भूषण सिंह ने उस निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है, जिसका प्रतिनिधित्व उनके पिता 2009 से कर रहे थे.
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख पर कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. इन आरोपों पर काफी विवाद हुआ था और पिछले साल देश के शीर्ष पहलवानों के एक सप्ताह तक चले विरोध प्रदर्शन के बीच उन्हें महासंघ के शीर्ष पद से हटा दिया गया था. इस साल उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई और उनके स्थान पर उनके बेटे को मैदान में उतारा गया.
बृजभूषण शरण सिंह ने खुद को बताया है निर्दोष
इस मामले की सुनवाई पिछले हफ्ते शुरू हुई थी. दिग्गज नेता पर यौन उत्पीड़न, एक महिला के खिलाफ बल प्रयोग और आपराधिक धमकी से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं.
उन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया. उन्होंने कहा था, "जब मैंने कोई गलती ही नहीं की तो मैं स्वीकार क्यों करूंगा?"
योगी सरकार अपराधियों का समर्थन नहीं करती : सिंह
बृजभूषण शरण सिंह सोमवार को अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र यूपी के गोंडा जिले के दौरे पर निकले थे. वह परसपुर में रुके थे, जहां समाजवादी पार्टी के नेता ओम प्रकाश सिंह की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. वह वहां पर परिवार वालों से मिलने गए थे.
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराधियों का समर्थन नहीं करती है. उन्होंने कहा, "पुलिस हत्याकांड पर काम कर रही है. मैं मुख्यमंत्री से आर्थिक मदद की मांग करता हूं."
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