सांसद आर.के. सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बिहार के आरा से बीजेपी सांसद आर.के. सिंह सोमवार शाम पार्टी के संगठन महासचिव रामलाल से मिले। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली। आर.के. सिंह हाल में सम्पन्न हुए बिहार विधानसभा चुनावों से पार्टी से नाराज हैं और अपराधियों को टिकट देने व टिकट बेचने का आरोप लगा चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार आर.के. सिंह से उनके बयानों पर सफाई मांगी गई और कहा गया कि वो अपनी बात पार्टी फ़ोरम पर ही कहें। पार्टी को उम्मीद है कि वो अब बात मानेंगे। सूत्रों ने आर.के. सिंह, शत्रुघ्न सिन्हा और भोला सिंह के खिलाफ कार्रवाई की संभावना से इनकार किया है।
बिहार में चुनावी हार के बाद बीजेपी में लगातार असंतोष के स्वर उभर रहे थे। आर.के. सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं की जवाबदेही तय करने की मांग का समर्थन किया था। आरा से बीजेपी सांसद आर.के. सिंह का कहना था कि जवाबदेही तय होनी चाहिए। चुनावी पराजय की समीक्षा की जानी चाहिए। हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि गलती कहां हुई, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी पार्टी की रणनीति में खामी होने की बात कही थी।
चुनाव प्रचार के दौरान भी पूर्व गृह सचिव ने बीजेपी नीत एनडीए के उम्मीदवारों के चयन के खिलाफ खुलकर विचार व्यक्त किए थे और दावा किया था कि बीजेपी ने ऐसे लोगों को टिकट दिया, जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि थी। उन्होंने दावा किया था कि इनमें से कुछ सामान्य आपराधी नहीं हैं बल्कि ऐसे हैं जिन पर सरकार ने ईनाम घोषित किया है।
सिंह ने एनडीटीवी से कहा, 'हम सोचते थे कि हम अलग तरह की पार्टी हैं। हम स्वच्छ सरकार देंगे और आपने अपराधियों को टिकट दे दिया। यह काफी खराब है, काफी दुखद है।' चुनाव प्रचार में शामिल उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने भी बिहार में पार्टी की हार के बाद सवाल उठाए। उन्होंने जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन की रणनीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह नि:संदेह बेहतर था।
चुनाव अभियान की शुरुआत से ही नाराज चल रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने भी हार की जिम्मेदारी तय करने की मांग की थी। इन सबके बीच पार्टी के कुछ लोग शत्रुघ्न सिन्हा और आर.के. सिंह जैसे मुखर नेताओं पर कार्रवाई की मांग करते रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार आर.के. सिंह से उनके बयानों पर सफाई मांगी गई और कहा गया कि वो अपनी बात पार्टी फ़ोरम पर ही कहें। पार्टी को उम्मीद है कि वो अब बात मानेंगे। सूत्रों ने आर.के. सिंह, शत्रुघ्न सिन्हा और भोला सिंह के खिलाफ कार्रवाई की संभावना से इनकार किया है।
बिहार में चुनावी हार के बाद बीजेपी में लगातार असंतोष के स्वर उभर रहे थे। आर.के. सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं की जवाबदेही तय करने की मांग का समर्थन किया था। आरा से बीजेपी सांसद आर.के. सिंह का कहना था कि जवाबदेही तय होनी चाहिए। चुनावी पराजय की समीक्षा की जानी चाहिए। हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि गलती कहां हुई, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी पार्टी की रणनीति में खामी होने की बात कही थी।
चुनाव प्रचार के दौरान भी पूर्व गृह सचिव ने बीजेपी नीत एनडीए के उम्मीदवारों के चयन के खिलाफ खुलकर विचार व्यक्त किए थे और दावा किया था कि बीजेपी ने ऐसे लोगों को टिकट दिया, जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि थी। उन्होंने दावा किया था कि इनमें से कुछ सामान्य आपराधी नहीं हैं बल्कि ऐसे हैं जिन पर सरकार ने ईनाम घोषित किया है।
सिंह ने एनडीटीवी से कहा, 'हम सोचते थे कि हम अलग तरह की पार्टी हैं। हम स्वच्छ सरकार देंगे और आपने अपराधियों को टिकट दे दिया। यह काफी खराब है, काफी दुखद है।' चुनाव प्रचार में शामिल उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने भी बिहार में पार्टी की हार के बाद सवाल उठाए। उन्होंने जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन की रणनीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह नि:संदेह बेहतर था।
चुनाव अभियान की शुरुआत से ही नाराज चल रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने भी हार की जिम्मेदारी तय करने की मांग की थी। इन सबके बीच पार्टी के कुछ लोग शत्रुघ्न सिन्हा और आर.के. सिंह जैसे मुखर नेताओं पर कार्रवाई की मांग करते रहे हैं।
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