बीजेपी सांसद उदित राज की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:
इन दिनों #MeToo कैम्पेन के जरिए महिलाएं अपने साथ अतीत में हुई यौन शोषण की घटनाओं का सोशल मीडिया में खुलासा कर रहीं हैं. आरोपों की जद में कई हस्तियां आईं हैं. जिससे यह कैंपेन चर्चा-ए-खास बन गया है. इसको लेकर तमाम लोग अपनी राय भी जाहिर कर रहे हैं. मगर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के सांसद उदितराज ने चौंकाने वाली राय बयां की है. उन्होंने इस कैंपेनिंग को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. कैंपेन के तहत लग रहे आरोपों को गलत प्रथा की शुरुआत करार दिया है. सांसद के मुताबिक लंबे अरसे के बाद आरोप लगाने के बाद उसकी सत्यता की जांच कैसे होगी. झूठे आरोपों से किसी की छवि को नुकसान भी पहुंच सकता है.
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बीजेपी सांसद उदितराज ने ट्वीट करते हुए कहा-#MeToo कैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगी?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा, उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा ये सोचने वाली बात है.गलत प्रथा की शुरुआत है.
#मी टू’ पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की राय
बीजेपी सांसद उदितराज ने जहां ‘#मी टू’कैंपेन पर सवाल खडे़ किए हैं, वहीं इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी इस कैंपेनिंग को अपना सपोर्ट दे चुकीं हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि कोई भी पीड़ित यौन उत्पीड़न की शिकायत घटना के ‘10-15 साल’ बाद भी कर सकता है. ‘#मी टू’ अभियान’ का उल्लेख करते हुए मेनका ने कहा, ‘मैं आशा करती हूं कि यह इस तरह नियंत्रण से बाहर नहीं चला जाए कि हम उन लोगों को निशाना बनाएं जिनसे हमें परेशानी हुई हो. लेकिन मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न को लेकर महिलाएं आक्रोशित हैं. ’ मेनका गांधी ने कहा कि ‘#मी टू’कैंपेन से महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिला.
वीडियो- 'NDTV युवा' में काजोल ने कहा, #MeToo कैंपेन हर इंडस्ट्री में होना चाहिए
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बीजेपी सांसद उदितराज ने ट्वीट करते हुए कहा-#MeToo कैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगी?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा, उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा ये सोचने वाली बात है.गलत प्रथा की शुरुआत है.
#मी टू’ पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की राय
बीजेपी सांसद उदितराज ने जहां ‘#मी टू’कैंपेन पर सवाल खडे़ किए हैं, वहीं इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी इस कैंपेनिंग को अपना सपोर्ट दे चुकीं हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि कोई भी पीड़ित यौन उत्पीड़न की शिकायत घटना के ‘10-15 साल’ बाद भी कर सकता है. ‘#मी टू’ अभियान’ का उल्लेख करते हुए मेनका ने कहा, ‘मैं आशा करती हूं कि यह इस तरह नियंत्रण से बाहर नहीं चला जाए कि हम उन लोगों को निशाना बनाएं जिनसे हमें परेशानी हुई हो. लेकिन मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न को लेकर महिलाएं आक्रोशित हैं. ’ मेनका गांधी ने कहा कि ‘#मी टू’कैंपेन से महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिला.
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