पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ( फाइल फोटो )
नई दिल्ली:
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पीएम की आलोचना का बीजेपी ने कड़ा जवाब दिया है. बीजेपी ने कांग्रेस पर ग़रीब और आकांक्षी भारतीयों का अपमान करने का आरोप लगाया है. बीजेपी ने ट्विटर पर कहा है कि ईमानदारी से कमाने वालों की तुलना भिखारियों से कर कांग्रेस ने ग़रीबों का अपमान किया है. गौरतलब है कि पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कई ट्वीट किए थे और कहा था कि अगर पकौड़े बेचना नौकरी है तो फिर भीख मांगने को रोज़गार के विकल्प के तौर देखना चाहिए. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर एक आदमी पकौड़े बेचता है और शाम को 200 रु लेकर घर जाता है तो क्या उसे रोज़गार माना जाएगा या नहीं? उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर भी काफ़ी आलोचना हुई थी.
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पीएम मोदी के इसी बयान पर पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने एक बाद एक किए कई ट्वीट्स में कहा कि सरकार नौकरियों के अवसर पैदा करने के मामले में पूरी तरह फेल है. चिदंबरम ने मनरेगा, मुद्रा योजना और सरकार की अन्य योजनाओं को रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल बताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मुद्रा योजना में 43 हजार का लोन लेकर एक व्यक्ति को रोजगार सृजक बनाने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा कोई व्यक्ति नहीं दिखता जिसने इतने निवेश में एक भी रोजगार पैदा किया हो. चिदंबरम ने एक और ट्वीट किया, 'एक अन्य मंत्री का कहना है कि मनरेगा मजदूरों को भी नौकरी करने वालों में गिनना चाहिए. अगर वह जॉब है तो क्या सिर्फ 100 दिन के लिए है और बाकी 265 दिन उन्हें बेरोजगार रहना पड़ता है.'
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वहीं पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि केवल एक 'चायवाला' ही बेरोजगार युवाओं को पकौड़े बेचने की सलाह दे सकता है. अर्थशास्त्री ऐसा सुझाव नहीं नहीं दे सकता है.
ईमानदारी से आजीविका कमाने वाले लोगों की तुलना भिखारियों से कर के कांग्रेस ने एक बार फिर इस देश के प्रत्येक गरीब-मजदूर-किसान और कर्मयोगी का अपमान किया है। pic.twitter.com/OV5iTOSOKQ
— BJP (@BJP4India) January 28, 2018
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पीएम मोदी के इसी बयान पर पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने एक बाद एक किए कई ट्वीट्स में कहा कि सरकार नौकरियों के अवसर पैदा करने के मामले में पूरी तरह फेल है. चिदंबरम ने मनरेगा, मुद्रा योजना और सरकार की अन्य योजनाओं को रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल बताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मुद्रा योजना में 43 हजार का लोन लेकर एक व्यक्ति को रोजगार सृजक बनाने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा कोई व्यक्ति नहीं दिखता जिसने इतने निवेश में एक भी रोजगार पैदा किया हो. चिदंबरम ने एक और ट्वीट किया, 'एक अन्य मंत्री का कहना है कि मनरेगा मजदूरों को भी नौकरी करने वालों में गिनना चाहिए. अगर वह जॉब है तो क्या सिर्फ 100 दिन के लिए है और बाकी 265 दिन उन्हें बेरोजगार रहना पड़ता है.'
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वहीं पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि केवल एक 'चायवाला' ही बेरोजगार युवाओं को पकौड़े बेचने की सलाह दे सकता है. अर्थशास्त्री ऐसा सुझाव नहीं नहीं दे सकता है.
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