बिहार सरकार ने 22 आईएएस, 79 आईपीएस, प्रांतीय प्रशासनिक सेवा के 45 अधिकारियों का तबादला
नई दिल्ली:
बिहार का सियासी पारा इस समय चढ़ा हुआ है. बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार के अपना रुख एक बार फिर बदल कर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में वापसी के संकेतों के बीच सत्तारूढ़ महागठबंधन में अनिश्चितता के बादल छाये हुए प्रतीत हो रहे हैं. इस बीच बीजेपी, कांग्रेस, आरजेडी और जेदयू की आज अहम बैठकें होनी हैं. ऐसा मना जा रहा है कि रविवार तक स्थिति साफ हो जाएगी.
- सियासी उठापट के बीच बिहार सरकार ने शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 22, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 79 और बिहार प्रशासनिक सेवा (बीएएस) के 45 अधिकारियों का तबादला कर दिया. नांतरित किए गए अधिकारियों में पांच जिलाधिकारी (डीएम) और 17 पुलिस अधीक्षक (एसपी) शामिल हैं. इससे पहले राज्य सरकार ने 23 जनवरी को 29 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का तबादला किया था. सामान्य प्रशासन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिन में किए गए स्थानांतरण और पदस्थापन नियमित कवायद हैं.
- बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन में उथल-पुथल की अटकलों के बीच विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को सांसदों और राज्य विधानमंडल के सदस्यों की एक बैठक बुलाई है. भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी से उन अटकलों के बारे में पूछा गया कि क्या भाजपा जनता दल (यूनाइटेड) के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए तैयार है, उन्होंने कहा, "हमारे स्तर पर ऐसी किसी बात पर चर्चा नहीं हुई है."
- इस बीच, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने पूर्णिया में कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है. हालांकि, उन्होंने उन खबरों का खंडन किया कि यह बैठक राज्य में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर बुलाई गई है. खान ने कहा कि पार्टी के मौजूदा विधायकों के साथ राज्य के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' से संबंधित तैयारियों पर चर्चा करने के लिए कल पूर्णिया में बैठक कर रहे हैं.
- जदयू के फिर से एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बीच भाजपा के राज्यसभा सदस्य और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजनीति में "दरवाजे कभी भी स्थायी रूप से बंद नहीं होते." राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता को लेकर जारी अटकलों को उस समय और बल मिला जब नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां राजभवन में आयोजित जलपान समारोह में भाग लिया पर उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव इस समारोह में शामिल नहीं हुए.
- राजभवन में आयोजित समारोह के दौरान मुख्यमंत्री को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सहित अन्य आगंतुकों के साथ अभिवादन करते देखा गया. समारोह से बाहर निकलते हुए, कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि यह यादव और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित राजद के अन्य नेताओं का काम है कि वे इस पर टिप्पणी करें कि वे (तेजस्वी यादव एवं पार्टी के अन्य नेता) समारोह में क्यों नहीं आये.
- राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार इन अफवाहों के बीच स्थिति स्पष्ट करेंगे कि क्या वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस जाने की योजना बना रहे हैं? झा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राज्य में जद(यू) के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा, "हमारे नेता महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री आवास में हैं. भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए, लेकिन अगर कुछ लोग अभी भी भ्रम में हैं, तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते."
- दिल्ली में, पत्रकारों द्वारा भाजपा के रुख के बारे में पूछे जाने पर सुशील मोदी ने कहा, "जहां तक जद (यू) या नीतीश कुमार का सवाल है, राजनीति में दरवाजा हमेशा बंद नहीं रहता, जो दरवाजा बंद रहता है, आवश्यक्ता पड़ने पर खुल भी सकता है, लेकिन वे खुलेंगे या नहीं, यह हमारे केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है." हालांकि, फिलहाल भाजपा सूत्रों ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या जद(यू) के साथ हाथ मिलाने का फैसला लिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा बिहार के घटनाक्रम पर बैठकें कर रहे हैं.
- मांझी के बेटे विधान पार्षद संतोष कुमार सुमन ने दावा किया कि राज्य में जद (यू)-राजद-कांग्रेस सरकार एक या दो दिन में गिर सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को कुमार की राजग में संभावित वापसी के बारे में भाजपा से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है. सुमन ने कहा, "मुझे ऐसा लगता है कि यह सरकार एक या दो दिन में गिर जायेगी."
- बिहार में महागठबंधन की नयी सरकार बनाने के बाद यहां सबसे लंबे समय तक सेवारत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को केंद्र में सत्ता से उखाड फेंकने के लिए देश भर में सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने का अभियान शुरू किया, जिसकी परिणति विपक्षी गठबंधन "इंडिया" के गठन के रूप में हुई. अगर कुमार राजग में लौटने का फैसला करते हैं, तो विपक्षी गठबंधन को भी बड़ा झटका लगेगा.
- नीतीश अगस्त 2022 में भाजपा से नाता तोड़ने के बाद अपने पूर्व चिर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की पार्टी राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गए थे. उस वक्त नीतीश ने भाजपा पर जद(यू) में विभाजन की कोशिश करने का आरोप लगाया था.