एक अज्ञात मुखबिर ने पटना पुलिस को 5 मई को NEET-UG शुरू होने से करीब तीन घंटे पहले एक "एसयूवी में सवार चार संदिग्ध अपराधियों के 'सेफ हाउस' की ओर जाने” की सूचना दी थी. टाइम्स में छपि खबर के अनुसार पटना के शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन की एक टीम ने चार संदिग्धों को पकड़ा था, जो उन्हें लगभग 30 NEET-UG उम्मीदवारों की मीटिंग की जगह पर ले गए थे, जिन्होंने कथित तौर पर पेपर के लिए 30-50 लाख रुपये का भुगतान किया था. पुलिस के मुताबिक ये लोग उत्तर याद करने के लिए पिछले दिन शहर के बाहरी इलाके राम कृष्ण नगर में एक स्थान पर इकट्ठा हुए थे.
जले हुए प्रश्नपत्र किए बरामद
मामले में पहली गिरफ्तारी के बाद की पुलिस ने छापेमारी की और इस दौरान पुलिस को सेफ हाउस में 13 रोल नंबर मिले थे. एक घंटे के भीतर, पुलिस की कई टीमें NEET परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गईं और चार अभ्यर्थियों को पकड़ा. उनसे पूछताछ के बाद पुलिस को नौ और नाम मिले, जिनमें दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु का नाम भी शामिल था. यादवेंदु ने कथित तौर पर 4 मई को अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र और उत्तर दिए थे. 6 मई को पुलिस ने यादवेंदु के फ्लैट से जले हुए प्रश्नपत्र भी बरामद किए. इस मामले में जांच करते हुए पुलिस ने अगले दिन, कुछ अभ्यर्थियों के माता-पिता सहित 13 लोगों को हिरासत में लिया था .
व्हाट्सएप पर प्रश्नपत्र मिला
11 मई को ये मामला बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंप दिया गया था. इस मामले में यादवेंदु के भतीजे के 19 वर्षीय भतीजे ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसे परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न मिले थे. यादवेंदु के अलावा कथित तौर पर पेपर लीक के पीछे शामिल दो अन्य लोगों - नीतीश कुमार और अमित आनंद ने भी प्रश्न पत्र लीक की बात कबूल कर ली है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि अमित और नीतीश को परीक्षा से एक दिन पहले हजारीबाग के एक नीट परीक्षा केंद्र से व्हाट्सएप पर प्रश्नपत्र मिला था.
टाइम्स को एक अधिकारी ने बताया कि प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी अभ्यर्थियों को दी गई थी. उन्हें उत्तर याद करने को कहा गया था. बाद में डुप्लीकेट प्रश्नपत्र एकत्र कर उन्हें जलाया गया था. पुलिस ने छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और भारी मात्रा में नकदी जब्त की है.
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