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This Article is From Jun 25, 2015

अपहरण और हत्या के मामले में जेडीयू विधायक अनंत सिंह गिरफ्तार

अपहरण और हत्या के मामले में जेडीयू विधायक अनंत सिंह गिरफ्तार
पटना: बिहार के सत्तारूढ़ जेडीयू विधायक अनंत सिंह को बुधवार को अपहरण एवं फिरौती के सिलसिले में ग्रामीण पटना के बीथिया से गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी से एक दिन पहले पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चार व्यक्तियों के अपहरण व हत्या मामले में उनकी संलिप्तता का खुलासा किया था। यह मुद्दा बढ़कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती में तब्दील हो गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विकास वैभव ने कहा कि एक बिल्डर के अपहरण के मामले में अनंत सिंह को 2014 में ग्रामीण पटना के बिहटा से गिरफ्तार किया गया था। मोकामा के इस विधायक को सचिवालय पुलिस थाने में रखा गया है जहां उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर नारेबाजी की। अनंत सिंह की गिरफ्तारी से पहले पटना एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस ने उनके आवास पर छापा मारा। यह छापा 17 जून को चार युवकों के अपहरण के सिलसिले में साक्ष्य एकत्र करने के लिए मारा गया। इनमें से एक युवक की बाद में हत्या कर दी गयी।

एसएसपी ने बताया कि उनके सरकारी आवास पर तलाशी के दौरान इंसास राइफल की चार मैगजीन और खून में सने कपड़े बरामद किये गए। इन कपड़ों को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। पुलिस द्वारा ले जाते समय विधायक ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। भले ही सिंह को बुधवार को एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया, लेकिन पटना के निवर्तमान एसएसपी जितेन्द्र राणा द्वारा 17 जून को पटना जिले के बाढ़ ब्लॉक में चार व्यक्तिों के अपहरण में सिंह की कथित संलिप्तता के खुलासे से नीतीश कुमार के लिए एक चुनौती उत्पन्न हो गई है, क्योंकि जेडीयू के सहयोगी आरजेडी ने सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है।

आरजेडी प्रवक्ता मुंद्रिका सिंह यादव ने संवाददाताओं को बाद में बताया कि पार्टी बाढ़ मामले में सिंह की गिरफ्तारी की मांग करती है। इस मामले में पुतुश यादव की हत्या कर दी गयी थी। पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद ने भी स्पष्ट किया है कि सरकार को कानून को उसका काम करने देना चाहिए। लालू ने कहा कि यह मामला पटना के नये एसएसपी विकास वैभव के लिए अग्नि परीक्षा है क्योंकि वह राज्य में आने से पहले एनआईए में थे। दूसरी बार विधायक बने अनंत सिंह पटना जिले के बाढ़ इलाके में कथित रूप से समानांतर प्रशासन चलाने के कारण ‘‘छोटे सरकार’’ के नाम से जाने जाते हैं।

अनंत पूर्व में कई बार नीतीश कुमार सरकार के लिए अप्रिय स्थिति उत्पन्न कर चुके हैं। उन पर पूर्व में मीडिया के एक व्यक्ति को बंधक बनाने एवं उससे मारपीट करने तथा पटना नगर निगम के आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप लग चुके हैं। नगर निगम ने शहर के बीचोंबीच उनके माल की दो मंजिलें ढहाने के आदेश दिये थे। नीतीश कुमार के साथ सत्ता संघर्ष के चरम दौर में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अनंत सिंह पर उन्हें नीतीश से बगावत करने पर थप्पड़ मारने की धमकी दी थी।

आरजेडी ने बाढ़ के अपहरण और हत्या मामले में उनकी कथित संलिप्तता पर कड़ा रुख अपनाया, जिसके चलते नीतीश कुमार सरकार को उनके खिलाफ तत्परता से कार्रवाई करनी पड़ी। आरजेडी प्रवक्ता द्वारा संवाददाता सम्मेलन में सार्वजनिक रूप से मांग किये जाने के कुछ ही घंटों बाद पटना एसएसपी की अगुवाई में पुलिस का एक बड़ा दल विशेष तलाशी वारंट लेकर अनंत सिंह के घर पहुंच गया।

आरजेडी प्रवक्ता और पार्टी के एक दल के साथ मंगलवार को बाढ़ का दौरा कर चुके मुंद्रिका सिंह यादव ने संवाददाताओं से कहा कि पीड़ितों के परिवारों एवं स्थानीयों ने विधायक की ‘‘संलिप्तता’’ को पुष्ट किया है। उन्होंने मामले में विधायक का नाम शामिल करने तथा उनकी फौरन गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने यह भी मांग की कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती जितेन्द्र राणा को पटना में रखा जाए। राणा ने एसएसपी पटना का पद त्यागने से कुछ पहले ही संवाददाताओं के समक्ष यह खुलासा किया है। उनका मोतिहारी तबादला कर दिया गया है और उनकी जगह विकास वैभव ने ली है।

जेडीयू के राज्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राणा के तबादले का मामले से कुछ लेना देना नहीं है तथा उन्होंने दावा किया कि कानून अपना काम करेगा। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा यह कहा है कि किसी के साथ पक्षपात नहीं किया जायेगा तथा पार्टी को भरोसा है कि मौजूदा मामले में भी कानून अपना काम करेगा।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि अनंत सिंह को बचाने के लिए नीतीश कुमार ने पटना एसएसपी जितेन्द्र राणा का तबादला कर दिया जिससे साबित होता है कि वह राज्य में आतंक का राज्य कायम करना चाहते हैं। सुशील मोदी ने एक बयान में अनंत सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विश्वस्त आदमी बताया और आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री की रैलियों के लिए भीड़ जुटाता है। उन्होंने कहा कि विधायक का नाम कई बार भूमि हथियाने तथा राज्य राजधानी में होटल एवं माल बनाने के सिलसिले में आता है। बीजेपी नेता ने कहा कि प्रशासन ने उन पर हाथ डालने की कभी हिम्मत नहीं दिखाई।

 

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