बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने रविवार को कहा कि आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच करेगी. इससे पहले रविवार को बीपीएससी ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी.
सिंघल ने एएनआई को बताया, "बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67 वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा रद्द कर दी गई है. बीपीएससी जांच समिति ने पाया कि परीक्षा का सेट सी लीक हो गया था. मामले की गहन जांच के लिए आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया गया."
आर्थिक अपराध इकाई के तहत संचालित साइबर सेल की एक टीम का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि टीम ने जांच शुरू कर दी है.सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बिहार लोक सेवा आयोग के मुताबिक दोपहर 12 बजे परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले एक परीक्षा केंद्र से प्रश्न लीक हो गया था.
दरअसल परीक्षा शुरू होने से कुछ मिनट पहले प्रश्न पत्रों के एक सेट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. बीपीएससी के सचिव जीत सिंह ने कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है और तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है.
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें परीक्षा शुरू होने के समय प्रश्न पत्र लीक होने की शिकायतें मिली थीं. हमने स्क्रीनशॉट की तुलना प्रश्न पत्रों के सेट सी से की. स्क्रीनशॉट कथित तौर पर परीक्षा शुरू होने से लगभग छह मिनट पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. इन आरोपों पर जांच कमेटी गौर करेगी.''
परीक्षा में बैठने वाले पांच लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए राज्य भर में 1,000 से ज्यादा केंद्र बनाए गए थे. एक छात्र ने कहा, ‘‘यही कह सकता हूं कि यह मनोबल गिराने वाला है. परीक्षा दिसंबर में होनी थी, लेकिन पंचायत चुनाव के कारण स्थगित कर दी गई. अब इसमें और देरी होने वाली है.'' (भाषा इनपुट के साथ)
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