बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की एक समय बेहद करीबी रहे जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व उपाध्यक्ष तथा राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election strategist prashant kishor) से दूरियां क्या बढ़ीं कि अब उनके मकान पर बुलडोजर चलने लगा. शुक्रवार को अहिरौली के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग-84 के किनारे बने प्रशांत किशोर के मकान पर जैसे ही प्रशासन का बुलडोजर चलना शुरू हुआ, आसपास के लोग कौतूहलवश वहां जुट गए. बुलडोजर से तकरीबन 10 मिनट में उनके मकान की बाउंड्री तथा दरवाजा उखाड़ दिया गया. मजे की बात तो यह थी कि इसका किसी ने विरोध भी नहीं किया हालांकि, इन सब का कोई राजनीतिक मतलब नहीं था.
बिहार में कोरोना टेस्टिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा, तेजस्वी यादव ने बताया 'एंटीजन घोटाला'
दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग-84 के चौड़ीकरण के दौरान अधिग्रहित भूमि को खाली कराए जाने के लिए प्रशासन लगातार अभियान चला रहा है. इसी क्रम में पीके के पुश्तैनी मकान की बाउंड्री को तोड़ा गया. यह मकान उनके पिता स्वर्गीय डॉ. श्रीकांत पांडेय के द्वारा बनाया गया था हालांकि, अब यहां प्रशांत किशोर नहीं रहते.प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, एनएच-84 के चौड़ीकरण के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के द्वारा अधिग्रहीत की गई पुश्तैनी मकान की इस भूमि का मुआवजा प्रशांत किशोर ने अब तक नहीं लिया है. बहरहाल समूचा घटनाक्रम आज चर्चा का विषय रहा.
बिहार के खान मंत्री जनक राम की अपने अफसरों के ख़िलाफ़ शिकायत में कितनी सच्चाई है?
बता दें कि बक्सर के मूल निवासी प्रशांत किशोर कई राजनेताओं को अपनी रणनीतिक सूझबूझ के दम पर मुख्यमंत्री तक बना चुके हैं. 2015 में उन्होंने नीतीश कुमार को चुनाव जीतने में मदद की थी उसी के परिणाम स्वरूप उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. बाद में प्रशांत किशोर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया लेकिन, बाद के समय में एनआरसी के मुद्दे पर उनकी मुख्यमंत्री से दूरियां बढ़ गईं.
नीतीश कैबिनेट विस्तार पर BJP विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू की नाराजगी आई सामने
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं