बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे पहले नतीजा किस सीट पर आएगा और सबसे बाद में किस सीट का नतीजा आ सकता है. बिहार विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी विधानसभा सीट दीघा और सबसे छोटी विधानसभा सीट बरबीघा है. ऐसे में बरबीघा में सबसे पहले चुनाव परिणाम आने की संभावना है. जबकि दीघा में सबसे ज्यादा वक्त लग सकता है. बिहार विधानसभा में 243 सीटें है. बिहार चुनाव की 243 सीटों का रुझान देखें तो एनडीए 189 सीटों पर आगे है. इसमें बीजेपी 86 और जेडीयू 76 सीटों पर आगे है. महागठबंधन सिर्फ 50 सीटों पर सिमटता दिख रहा है.
सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र दीघा
पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या 473108 है. दीघा विधानसभा क्षेत्र में 400 से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं.पटना में मौजूद दीघा विधानसभा क्षेत्र गंगा नदी के किनारे बसा है. यह क्षेत्र पटना नगर निगम के 14 वार्डों और छह पंचायतों में फैला हुआ है. यह पटना साहिब लोकसभा सीट के छह रीजन में से एक है.
2008 में बनी थी दीघा
2008 के परिसीमन के बाद दीघा विधानसभा अलग से बना था. यही वजह है कि इस विधानसभा का चुनावी इतिहास बहुत छोटा है. पहले चुनाव में जेडीयू की पूनम देवी जीती थीं. 2015 से लगातार बीजेपी के संजीव चौरसिया जीतते आ रहे हैं. दीघा सीट पर सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं. यहां यादव वोटर करीब 95 हजार, मुस्लिम 25 हजार के अलावा भूमिहार और ब्राह्मण, कायस्थ और राजपूत, कोइरी और कुर्मी, वैश्य समुदायों की 30-40 हजार हैं.
सबसे छोटी विधानसभा क्षेत्र बरबीघा
शेखपुरा जिले की बारबीघा विधानसभा सीट बिहार विधानसभा की सबसे छोटी सीट है. यहां 2.15 लाख वोट हैं. सबसे कम मतदाता वाली बरबीघा विधानसभा सीटहै. बरबीघा विधानसभा 1994 में मुंगेर से अलग होकर बनी थी नवादा लोकसभा सीट में बरबीघा विधानसभा आती है. बिहार के पहले CM श्रीकृष्ण सिंह और रामधारी सिंह का ताल्लुक बरबीघा से है.दिनकर बरबीघा के कॉलेज में प्रिंसिपल रहे हैं. जेडीयू के विधायक के सुदर्शन का यह क्षेत्र है. भूमिहार 20 फीसदी वोटों के साथ बरबीघा विधानसभा सीट पर निर्णायक हैं. कुर्मी, यादव और पासवान जाति भी अहम हैं. यह सीट पहले कांग्रेस का गढ़ रही है. कांग्रेस ने 17 चुनावों में से कम से कम 10 में जीत मिली.
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