अब तक कुल डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है
पटना:
बिहार में गंगा सहित अन्य नदियों में हाल में आयी बाढ़ से पिछले 24 घंटे के दौरान 4 और लोगों की मौत होने के साथ 34.69 लाख आबादी प्रभावित है.
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक हाल में आयी बाढ़ से पिछले 24 घंटे के दौरान 4 और लोगों की मौत के साथ इससे मरने वालों की संख्या अब 55 हो गई है. पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार में बाढ से भोजपुर और बेगूसराय जिले में दो-दो व्यक्तियों की मौत हो गई है.
हाल में आयी बाढ़ से कुल 55 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें भोजपुर जिले में 15, बेगूसराय में 9, समस्तीपुर में 8, वैशाली में 7, सारण में 5, लखीसराय एवं खगड़िया में तीन-तीन, भागलपुर में 2 और पटना, बक्सर एवं मुंगेर जिला में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.
उल्लेखनीय है कि इस मौसम में दो चरणों में अब तक आयी बाढ़ से राज्य के कुल 24 जिलों की 68.30 लाख आबादी प्रभावित हुई और अब तक कुल 152 लोगों की जान जा चुकी है.
बिहार में इन दिनों गंगा नदी के बढ़े हुए जलस्तर एवं तेज जल प्रवाह के कारण इस नदी के किनारे अवस्थित जिलों यथा बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिलों में कमोबेस बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. पटना, वैशाली, भोजपुर एवं सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे वाले इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं.
इन 12 जिलों की 34.69 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है, जिनमें से 4.97 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तथा इनमें 2.66 लाख लोग सरकार द्वारा चलाए जा रहे 544 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.
बिहार में फिर से आई बाढ़ से प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. प्रभावित लोगों को दियारा क्षेत्र से सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में लाया जा रहा है, जहां उनके लिए पका हुआ भोजन, पीने का पानी, महिला एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय, स्वास्थ्य जांच, जरूरी दवाएं, साफ-सफाई एवं प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए 2571 नावें परिचालित की जा रही हैं तथा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं. केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त आंकडों के मुताबिक शनिवार सुबह 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर बिहार के कहलगांव में इस मौसम में अपने उच्चतम स्तर (32.82 मीटर) रहा.
गंगा नदी शनिवार सुबह 6 बजे बक्सर जिले में 61.24 मीटर, पटना जिले के दीघाघाट में 51.50 मीटर, गांधीघाट में 49.95 मीटर, हाथीदह में 42.97 मीटर, मुंगेर 40.03 मीटर, भागलपुर 34.71 मीटर और कहलगांव में 32.82 मीटर रहा.
शनिवार सुबह 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर बक्सर, दीघाघाट, गांधीघाट, हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से क्रमश: 92 सेमी, 105 सेमी, 135 सेमी, 120 सेमी, 70 सेमी, 103 सेमी और 173 सेमी ऊपर था.
उल्लेखनीय है कि गांधीघाट में साल 1994 में उच्चतम जलस्तर 50.27 मीटर, हाथीदह में साल 1971 में 43.15 मीटर एवं कहलगांव में साल 2003 में उच्चतम जलस्तर 32.87 मीटर मापा गया था, जबकि भागलपुर में साल 2013 में उच्चतम जलस्तर 34.50 मीटर मापा गया था.
शनिवार प्रात: 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर गांधीघाट, हाथीदह एवं कहलगांव में पूर्व के उच्चतम जलस्तर से क्रमश: 32 सेमी, 19 सेमी एवं 05 सेमी नीचे था. इसके जलस्तर में शुक्रवार सुबह 8 बजे तक गांधीघाट, हाथीदह और शुक्रवार रात 10 बजे कहलगांव में क्रमश: 09 सेमी, 10 सेमी और 06 सेमी की कमी होने की संभावना है.
शनिवार सुबह 6 बजे गंगा नदी भागलपुर में पूर्व के उच्चतम जलस्तर से 21 सेमी ऊपर था. इसके जलस्तर में कल शाम 4 बजे तक 8 सेमी की कमी होने की संभावना है.
सोन नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे पटना जिले के मनेर में खतरे के निशान से 106 सेमी ऊपर था. पुनपुन नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे पटना जिले के श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 189 सेमी ऊपर था. घाघरा नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे सीवान जिले के गंगपुर-सिसवन एवं सारण जिला के छपरा में खतरे के निशान से क्रमश: 63 सेमी एवं 72 सेमी नीचे था.
गंडक नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 06 बजे हाजीपुर में खतरे के निशान से 43 सेमी नीचे था. बुढ़ी गंडक नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे खगड़िया में खतरे के निशान से 210 सेमी ऊपर था. कोसी नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे कुरसेला में खतरे के निशान से 158 सेमी ऊपर था, जबकि बलतारा में खतरे के निशान से 38 सेमी नीचे था.
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार रविवार सुबह तक बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की संभावना है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक हाल में आयी बाढ़ से पिछले 24 घंटे के दौरान 4 और लोगों की मौत के साथ इससे मरने वालों की संख्या अब 55 हो गई है. पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार में बाढ से भोजपुर और बेगूसराय जिले में दो-दो व्यक्तियों की मौत हो गई है.
हाल में आयी बाढ़ से कुल 55 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें भोजपुर जिले में 15, बेगूसराय में 9, समस्तीपुर में 8, वैशाली में 7, सारण में 5, लखीसराय एवं खगड़िया में तीन-तीन, भागलपुर में 2 और पटना, बक्सर एवं मुंगेर जिला में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.
उल्लेखनीय है कि इस मौसम में दो चरणों में अब तक आयी बाढ़ से राज्य के कुल 24 जिलों की 68.30 लाख आबादी प्रभावित हुई और अब तक कुल 152 लोगों की जान जा चुकी है.
बिहार में इन दिनों गंगा नदी के बढ़े हुए जलस्तर एवं तेज जल प्रवाह के कारण इस नदी के किनारे अवस्थित जिलों यथा बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिलों में कमोबेस बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. पटना, वैशाली, भोजपुर एवं सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे वाले इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं.
इन 12 जिलों की 34.69 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है, जिनमें से 4.97 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तथा इनमें 2.66 लाख लोग सरकार द्वारा चलाए जा रहे 544 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.
बिहार में फिर से आई बाढ़ से प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. प्रभावित लोगों को दियारा क्षेत्र से सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में लाया जा रहा है, जहां उनके लिए पका हुआ भोजन, पीने का पानी, महिला एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय, स्वास्थ्य जांच, जरूरी दवाएं, साफ-सफाई एवं प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए 2571 नावें परिचालित की जा रही हैं तथा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं. केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त आंकडों के मुताबिक शनिवार सुबह 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर बिहार के कहलगांव में इस मौसम में अपने उच्चतम स्तर (32.82 मीटर) रहा.
गंगा नदी शनिवार सुबह 6 बजे बक्सर जिले में 61.24 मीटर, पटना जिले के दीघाघाट में 51.50 मीटर, गांधीघाट में 49.95 मीटर, हाथीदह में 42.97 मीटर, मुंगेर 40.03 मीटर, भागलपुर 34.71 मीटर और कहलगांव में 32.82 मीटर रहा.
शनिवार सुबह 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर बक्सर, दीघाघाट, गांधीघाट, हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से क्रमश: 92 सेमी, 105 सेमी, 135 सेमी, 120 सेमी, 70 सेमी, 103 सेमी और 173 सेमी ऊपर था.
उल्लेखनीय है कि गांधीघाट में साल 1994 में उच्चतम जलस्तर 50.27 मीटर, हाथीदह में साल 1971 में 43.15 मीटर एवं कहलगांव में साल 2003 में उच्चतम जलस्तर 32.87 मीटर मापा गया था, जबकि भागलपुर में साल 2013 में उच्चतम जलस्तर 34.50 मीटर मापा गया था.
शनिवार प्रात: 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर गांधीघाट, हाथीदह एवं कहलगांव में पूर्व के उच्चतम जलस्तर से क्रमश: 32 सेमी, 19 सेमी एवं 05 सेमी नीचे था. इसके जलस्तर में शुक्रवार सुबह 8 बजे तक गांधीघाट, हाथीदह और शुक्रवार रात 10 बजे कहलगांव में क्रमश: 09 सेमी, 10 सेमी और 06 सेमी की कमी होने की संभावना है.
शनिवार सुबह 6 बजे गंगा नदी भागलपुर में पूर्व के उच्चतम जलस्तर से 21 सेमी ऊपर था. इसके जलस्तर में कल शाम 4 बजे तक 8 सेमी की कमी होने की संभावना है.
सोन नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे पटना जिले के मनेर में खतरे के निशान से 106 सेमी ऊपर था. पुनपुन नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे पटना जिले के श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 189 सेमी ऊपर था. घाघरा नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे सीवान जिले के गंगपुर-सिसवन एवं सारण जिला के छपरा में खतरे के निशान से क्रमश: 63 सेमी एवं 72 सेमी नीचे था.
गंडक नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 06 बजे हाजीपुर में खतरे के निशान से 43 सेमी नीचे था. बुढ़ी गंडक नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे खगड़िया में खतरे के निशान से 210 सेमी ऊपर था. कोसी नदी का जलस्तर शनिवार सुबह 6 बजे कुरसेला में खतरे के निशान से 158 सेमी ऊपर था, जबकि बलतारा में खतरे के निशान से 38 सेमी नीचे था.
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार रविवार सुबह तक बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की संभावना है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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