अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव बढ़ा सकता है. बाइडेन प्रशासन अफगानिस्तान में शांति बहाली के अमेरिकी प्रयासों में साथ देने के मुद्दों पर ज्यादा यथार्थवादी रुख अपना सकता है. पूर्व शीर्ष पाकिस्तानी राजनयिक हुसैन हक्कानी ने यह बात कही.
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हुसैन हक्कानी अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हैं. हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ रणनीतिक वार्ता प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा सकता है, लेकिन यह उस स्तर या पैमाने पर नहीं होगी जैसी कि ओबामा प्रशासन के दौरान थी. हक्कानी ने संभावना जताई कि बाइडेन प्रशासन पाकिस्तान के प्रति कड़ा रुख अपनाएगा. अमेरिका पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग से जुड़े (एफएटीएफ) समेत आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर कार्रवाई करने को कह सकता है.
अफगानिस्तान में शांति बहाल करने के अमेरिकी प्रयासों का समर्थन करने के लिए बाइडेन प्रशासन का जोर बढ़ेगा. हालांकि इसकी संभावना नहीं है कि बाइडेन प्रशासन सुरक्षा सहायता या गठबंधन सहायता निधि के लिए पाकिस्तान को फिर से धन देना शुरू करेगा.पाकिस्तान इस निधि का इस्तेमाल हथियारों की खरीद या भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में करता रहा है.
ट्रंप प्रशासन ने आतंकवादी समूहों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के बाद 2018 में पाक की सुरक्षा सहायता रोक दी थी.
वर्ष 2018 में पाकिस्तान की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा था कि उन्हें इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान सरकार के साथ संबंध ठीक होने की उम्मीद है. वर्तमान में वाशिंगटन में हडसन इंस्टीट्यूट के थिंक टैंक के वरिष्ठ सदस्य हक्कानी ने कहा कि चीन के साथ पाकिस्तान के घनिष्ठ संबंधों और वहां लोकतंत्र के अभाव और मानवाधिकारों की अवहेलना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं