प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
नई दिल्ली से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में चार सितंबर से 28 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर का दौरा करने से पहले ही कश्मीर के हालात एक बार फिर से बिगड़ गए हैं. वैसे जुमे की नमाज से पहले हिंसा की आशंका को देखते हुए श्रीनगर समेत कश्मीर के कई हिस्सों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया फिर भी कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए और उनमें सैकड़ों लोग जख्मी हो गए.
हालात यह हैं कि घाटी में जन जीवन लगातार 56वें दिन भी ठप रहा. अशांत क्षेत्रों में श्रीनगर के अलावा घाटी के अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम, शोपियां, बारामूला और पट्टन शामिल हैं. सुरक्षाबलों का मानना है कि जुमे की नमाज के बाद हिंसा की आशंका के चलते ही घाटी के अन्य हिस्सों में एक स्थान पर चार से अधिक लोगों के जुटने पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बावजूद लोग सड़कों पर उतर आए और हिंसा पर उतारू हो गए. कई जगहों पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए और पथराव किया गया.
गौरतलब है कि 8 जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी में विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं. अलगाववादियों की ओर से बुलाई गई हड़ताल के कारण जनजीवन प्रभावित रहा. अलगाववादियों ने अब बंद का ऐलान आठ सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है और लोगों से कहा है कि वे तीन और चार सितंबर को श्रीनगर हवाई अड्डा मार्ग पर कब्जा करें. आठ जुलाई के बाद से घाटी में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में दो पुलिस कर्मियों समेत 70 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग घायल हो चुके हैं.
हालात यह हैं कि घाटी में जन जीवन लगातार 56वें दिन भी ठप रहा. अशांत क्षेत्रों में श्रीनगर के अलावा घाटी के अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम, शोपियां, बारामूला और पट्टन शामिल हैं. सुरक्षाबलों का मानना है कि जुमे की नमाज के बाद हिंसा की आशंका के चलते ही घाटी के अन्य हिस्सों में एक स्थान पर चार से अधिक लोगों के जुटने पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बावजूद लोग सड़कों पर उतर आए और हिंसा पर उतारू हो गए. कई जगहों पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए और पथराव किया गया.
गौरतलब है कि 8 जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी में विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं. अलगाववादियों की ओर से बुलाई गई हड़ताल के कारण जनजीवन प्रभावित रहा. अलगाववादियों ने अब बंद का ऐलान आठ सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है और लोगों से कहा है कि वे तीन और चार सितंबर को श्रीनगर हवाई अड्डा मार्ग पर कब्जा करें. आठ जुलाई के बाद से घाटी में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में दो पुलिस कर्मियों समेत 70 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग घायल हो चुके हैं.
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