गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) प्रमुख बिमल गुरूंग का फाइल फोटो...
दार्जीलिंग (पश्चिम बंगाल):
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) प्रमुख बिमल गुरूंग ने अलग गोरखालैंड राज्य हासिल करने को लेकर इस पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को आखिरी लड़ाई को लिए तैयार होने को कहा है.
उन्होंने एक अज्ञात स्थान से अपने संदेश में कहा, 'मैं लोगों से आखिरी लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील कर रहा हूं, क्योंकि यदि हम गोरखालैंड का अपना सपना साकार करना चाहते हैं तो करो या मरो का वक्त आ गया है'. उनका यह संदेश लोगों के बीच फैलाया गया है.
गुरूंग का यह संदेश यहां सिंहमारी और पटेलबास स्थित उनके परिसरों में गुरुवार को पड़े पुलिस के छापे के मद्देनजर आया है.
जीजेएम महासचिव रोशन गिरि ने कहा, 'स्वायत्ता, गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए), दार्जीलिंग गोरखा हिल काउंसिल (डीजीएचसी) के लिए वक्त खत्म हो गया है. गोरखालैंड की हमारी मांग पूरी होने तक लड़ाई नहीं रूकेगी'. वहीं, जन आंदोलन पार्टी नेता हर्का बहादुर छेत्री ने सुरक्षा बल तैनात कर आंदोलन को रोकने की कोशिश करने को लेकर ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह पहाड़ी इलाके में लोगों को और अधिक अलग-थलग करेगा. पुलिस की तैनाती से हल नहीं निकलेगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हालात से निपटने के लिए एक बैठक बुलाई जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, 'हमारी पहली मांग भी गोरखालैंड ही है, लेकिन इसे वार्ता के जरिए आगे बढ़ाना चाहिए'.
(इनपुट भाषा से)
उन्होंने एक अज्ञात स्थान से अपने संदेश में कहा, 'मैं लोगों से आखिरी लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील कर रहा हूं, क्योंकि यदि हम गोरखालैंड का अपना सपना साकार करना चाहते हैं तो करो या मरो का वक्त आ गया है'. उनका यह संदेश लोगों के बीच फैलाया गया है.
गुरूंग का यह संदेश यहां सिंहमारी और पटेलबास स्थित उनके परिसरों में गुरुवार को पड़े पुलिस के छापे के मद्देनजर आया है.
जीजेएम महासचिव रोशन गिरि ने कहा, 'स्वायत्ता, गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए), दार्जीलिंग गोरखा हिल काउंसिल (डीजीएचसी) के लिए वक्त खत्म हो गया है. गोरखालैंड की हमारी मांग पूरी होने तक लड़ाई नहीं रूकेगी'. वहीं, जन आंदोलन पार्टी नेता हर्का बहादुर छेत्री ने सुरक्षा बल तैनात कर आंदोलन को रोकने की कोशिश करने को लेकर ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह पहाड़ी इलाके में लोगों को और अधिक अलग-थलग करेगा. पुलिस की तैनाती से हल नहीं निकलेगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हालात से निपटने के लिए एक बैठक बुलाई जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, 'हमारी पहली मांग भी गोरखालैंड ही है, लेकिन इसे वार्ता के जरिए आगे बढ़ाना चाहिए'.
(इनपुट भाषा से)
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