Bihar Election 2020 : भाजपा (BJP) का गढ़ रही बांकीपुर सीट पर ‘बिहारी बाबू' नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है. कांग्रेस (Congress) ने यहां शत्रुघ्न के बेटे लव सिन्हा को मैदान में उतारा है.
शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर पिछले साल पटना साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे. हालांकि बीजेपी प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद के मुकाबले उन्हें शिकस्त खानी पड़ी थी. मगर कांग्रेस ने बांकीपुर सीट के 37 साल के युवा प्रत्याशी लव सिन्हा को उतारकर मतदाताओं को हैरानी में डाल दिया है. बिहार की राजधानी पटना का बड़ा हिस्सा बांकीपुर निर्वाचन क्षेत्र में आता है. इस संसदीय सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा 2009 और 2014 में भाजपा के टिकट पर जीते थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने 2014 में ‘मोदी लहर' के बीच सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की थी.
लव सिन्हा सियासत में पैर जमाने में जुटे
लव सिन्हा सियासत में अपने पैर जमाने में जुटे हैं. बताया जाता है कि लव ने अभिनय में रुचि दिखाई थी, लेकिन वह शत्रुघ्न या अपनी बहन सोनाक्षी की तरह फिल्म जगत में अपनी जगह नहीं बना पाए. शत्रुघ्न सिन्हा की भीड़ को खींचने की क्षमता के साथ बांकीपुर में जातीय समीकरण लव सिन्हा के पक्ष में प्रतीत होता है. यहां विजेता और उपविजेता कायस्थ रहे हैं. हालांकि निवर्तमान विधायक नितिन नवीन को हराना आसान नहीं होगा. राजग नेता लव सिन्हा को पैराशूट प्रत्याशी बता रहे हैं.
नितिन नवीन हैं कई बार से विधायक
40 वर्षीय विधायक नितिन नवीन ने पटना पश्चिम सीट से 2006 में उपचुनाव के साथ आगाज किया था. नितिन ने पिता नवीन किशोर सिन्हा के निधन के बाद इस सीट पर चुनाव जीता था और तब से लगातार जीतते आ रहे हैं. नीतीश कुमार की राजग में वापसी से भाजपा को चुनाव में मदद मिलने की उम्मीद है. नवीन ने भाजयुमो की राज्य इकाई का नेतृत्व किया है. उन्हें सिक्किम के लिए पार्टी प्रभारी बनाया गया है.
कांग्रेस को सत्ता विरोधी लहर के लाभ मिलने की उम्मीद
विपक्ष को उम्मीद है कि उसे सत्ता विरोधी लहर का लाभ मिलेगा.कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे उन असंतुष्ट भाजपा कार्यकर्ताओं के कारण भी लाभ होगा. भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व राज्य अध्यक्ष सुषमा साहू ने हाल में पार्टी छोड़कर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया. उन्होंने एक जनसभा में लव सिन्हा को छोटा भाई बताया। साहू ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के इशारे पर उनका नामांकन रद्द किया गया और उन्होंने भाजपा पर उन्हें नजरअंदाज कर ‘वैश्य समुदाय का अपमान' किया.
पुष्पम प्रिया भी सुर्खियों में
बांकीपुर सीट पर 3.91 लाख हैं. इस सीट के चुनावी मैदान में कुल 22 उम्मीदवार हैं. नवगठित ‘प्लूरल्स पार्टी' की उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी का नाम भी चर्चा में है. चौधरी स्वयं को अपनी पार्टी की ओर से ‘मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार' बताती हैं. पुष्पम बिहार के जदयू नेता रहे और पूर्व विधान पार्षद विनोद चौधरी की पुत्री हैं. पुष्पम का कहना है कि उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकनॉमिक्स से पढ़ाई की है.
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