वर्षों तक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर सिंह (Balwinder Singh) की पंजाब के तरनतारन (Tarn Taran) जिले में आज दो अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी है. सिंह और उनका परिवार वर्षों से आतंकवादियों की हिट लिस्ट में बने हुए थे.
सूत्रों का दावा है कि 62 वर्षीय सिंह पर उनके घर के अंदर हमला किया गया और उन्हें पांच गोलियां लगीं. सूत्रों ने बताया कि बलविंदर सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तरनतारन धरमन सिंबाले ने कहा, "सिंह की आज हत्या कर दी गई. हमले में दो लोग शामिल थे, जिनमें से एक ने उनके घर पर जाकर गोली मारी है. हमने मामला दर्ज कर लिया है और इसकी जांच की जा रही है."
राज्य सरकार ने बलविंदर सिंह को सुरक्षा प्रदान की हुई थी. सिंह को 1990 और 1991 के बीच उनके घर पर आतंकवादियों द्वारा कई हमलों में लड़ने और उससे अपने परिवार की रक्षा करने के लिए जाना जाता है. सिंह की सुरक्षा को स्थानीय पुलिस की सिफारिश पर एक साल पहले हटा दिया गया था. बलविंदर सिंह ने अपने घर की छत पर भी बंकर बनाए थे.
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एक सरकारी प्रशस्ति पत्र के अनुसार, "बलविंदर सिंह और उनका परिवार सितंबर 1990 में कम से कम 200 आतंकवादियों द्वारा एक विशेष रूप से घातक हमले से बच गया था. सिंह, उनके भाई और उनकी पत्नियों ने आतंकवादियों (जिनके पास अत्याधुनिक हथियार थे) से पांच घंटे तक लड़ाई लड़ी. सरकार द्वारा प्रदान की गई पिस्तौल और स्टेनगन का उपयोग करके.
प्रशस्ति पत्र में आगे लिखा है, उनके प्रतिरोध के सामने आखिरकार आतंकवादियों को पीछे हटना पड़ा, उन्हें 1993 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. सिंह और उनके परिवार द्वारा प्रदर्शित बहादुरी ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा दिलाई.
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