लखनऊ:
शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने शुक्रवार को अयोध्या पहुंचकर राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास और मंदिर के दूसरे पक्षकारों से कहा कि शिया वक़्फ़ बोर्ड झगड़े वाली जगह पर अपना दावा छोड़ने को तैयार है, बशर्ते मस्जिद बनाने के लिए कोई बड़ी ज़मीन दूसरी जगह दे दी जाए. शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी आजकल अयोध्या मसले को बातचीत से हल करवाने की मुहिम में लगे हैं. इसके लिए उन्होंने दिगंबर अखाड़े के महंत और परमहंस रामचंद्र दास के शिष्य सुरेश दास से मुलाक़ात की. शुक्रवार को वह रामलला के सखा (बेस्ट फ्रेंड ऑफ रामलला) की तरफ से पैरवी करने वाले त्रिलोकी नाथ पांडे और राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास से भी मिले. शिया वक़्फ़ बोर्ड कह रहा है कि अगर हिंदू लोगों की आस्था है कि भगवान राम उसी जगह पैदा हुए थे… तो वो जगह उन्हें दी जा सकती है बशर्ते कि पुरानी मस्जिद जितनी ज़मीन उन्हें दूसरी जगह दे दी जाए.
वसीम रिज़वी ने NDTV से कहा कि सऊदी अरब में तो सड़क चौड़ी करने के लिए भी मस्जिदें गिरा दी जाती हैं क्योंकि मुसलमानों का विश्वास है कि खुदा बिना शक्ल सूरत का है और हर जगह मौजूद है. इसलिए अगर झगड़े वाली जगह मंदिर के लिए दे दी जाए और मस्जिद कहीं और बना ली जाए तो कोई हर्ज नहीं है.
यह कहकर शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी विवादों में आ गए हैं. सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने NDTV से कहा, "इस मुल्क में 20 करोड़ मुसलमान रहते हैं. अगर उनमें से 20 लाख भी यह कह दें कि वो झगड़े वाली ज़मीन से अपना दावा छोड़ रहे हैं, तब भी उस ज़मीन से दावा ख़त्म नहीं होगा. वसीम रिज़वी साहब तो अकेले हैं.'
वसीम रिज़वी इस मुद्दे पर सुब्रमण्यम स्वामी से भी मुलाक़ात कर चुके हैं और आरएसएस में मुस्लिम मामलों के इंचार्ज इंद्रेश कुमार के लगातार संपर्क में हैं. राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने वसीम रिज़वी से मिलने के बाद मीडिया से कहा, "मैं अपने यहां पधारे सभी मुस्लिम बंधुओं का स्वागत करता हूं. मंदिर निर्माण के लिए सहमति देने पर मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. आशा है कि उनके प्रयास से मंदिर निर्माण की बाधाएं दूर होंगी."
शिया वक़्फ़ बोर्ड ने मंदिर-मस्जिद के मुक़दमे में सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दाखिल कर कहा है कि हाइकोर्ट के फैसले से विवादित ज़मीन के एक तिहाई हिस्से पर शिया वक़्फ़ बोर्ड का हक़ है… बाबरी मस्जिद मीर बक़ी ने बनवाई थी जो शिया था. मंदिर-मस्जिद साथ-साथ बनने से झगड़े होंगे. शिया वक़्फ़ बोर्ड विवादित ज़मीन पर दावा छोड़ सकता है. मस्जिद बनाने के लिए कहीं और ज़मीन दी जाए. इस मामले को कोर्ट के बाहर सुलझाया जाए.
VIDEO: फिर राम मंदिर की सुगबुगाहट
वसीम रिज़वी ने NDTV से कहा कि सऊदी अरब में तो सड़क चौड़ी करने के लिए भी मस्जिदें गिरा दी जाती हैं क्योंकि मुसलमानों का विश्वास है कि खुदा बिना शक्ल सूरत का है और हर जगह मौजूद है. इसलिए अगर झगड़े वाली जगह मंदिर के लिए दे दी जाए और मस्जिद कहीं और बना ली जाए तो कोई हर्ज नहीं है.
यह कहकर शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी विवादों में आ गए हैं. सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने NDTV से कहा, "इस मुल्क में 20 करोड़ मुसलमान रहते हैं. अगर उनमें से 20 लाख भी यह कह दें कि वो झगड़े वाली ज़मीन से अपना दावा छोड़ रहे हैं, तब भी उस ज़मीन से दावा ख़त्म नहीं होगा. वसीम रिज़वी साहब तो अकेले हैं.'
वसीम रिज़वी इस मुद्दे पर सुब्रमण्यम स्वामी से भी मुलाक़ात कर चुके हैं और आरएसएस में मुस्लिम मामलों के इंचार्ज इंद्रेश कुमार के लगातार संपर्क में हैं. राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने वसीम रिज़वी से मिलने के बाद मीडिया से कहा, "मैं अपने यहां पधारे सभी मुस्लिम बंधुओं का स्वागत करता हूं. मंदिर निर्माण के लिए सहमति देने पर मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. आशा है कि उनके प्रयास से मंदिर निर्माण की बाधाएं दूर होंगी."
शिया वक़्फ़ बोर्ड ने मंदिर-मस्जिद के मुक़दमे में सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दाखिल कर कहा है कि हाइकोर्ट के फैसले से विवादित ज़मीन के एक तिहाई हिस्से पर शिया वक़्फ़ बोर्ड का हक़ है… बाबरी मस्जिद मीर बक़ी ने बनवाई थी जो शिया था. मंदिर-मस्जिद साथ-साथ बनने से झगड़े होंगे. शिया वक़्फ़ बोर्ड विवादित ज़मीन पर दावा छोड़ सकता है. मस्जिद बनाने के लिए कहीं और ज़मीन दी जाए. इस मामले को कोर्ट के बाहर सुलझाया जाए.
VIDEO: फिर राम मंदिर की सुगबुगाहट
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