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This Article is From Apr 13, 2023

बेटा असद ढेर, बीवी शाइस्ता फ़रार - जानें, कौन-कौन है अतीक़ अहमद के परिवार में

अतीक अहमद की कोई बेटी नहीं है, लेकिन बहन है जिसका नाम आयशा नूरी है. आयशा के पति इकलाख अहमद को भी पुलिस ने हत्या के आरोपियों की मदद के आरोप में गिरफ्तार किया था.

अतीक का बेटा असद एनकाउंटर में ढेर

यूपी STF ने आज माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को एनकाउंटर में मार गिराया है. झांसी में हुई मुठभेड़ में एक शूटर गुलाम भी ढेर हुआ. असद दरअसल,  उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी था और सीसीटीवी फुटेज में वह गोली चलाता दिखा था.  अतीक अहमद के परिवार की बात करें तो उसकी पत्नी का नाम शाइस्ता और भाई अशरफ अहमद है. भाई अशरफ अहमद को आज अतीक अहमद के साथ कोर्ट में पेश किया गया था जहां उसे अतीक के साथ 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

अशरफ पर जेल से उमेश की हत्या  की साजिश रचने का आरोप है. पत्नी शाइस्ता फिलहाल फरार चल रही है. अतीक के 5 बेटों में से एक असद एनकाउंटर में मारा गया है. पांचों के नाम हैं. अली, उमर, असद, अहज़ान और अबान.  अली अहमद रंगदारी के आरोप में नैनी जेल में बंद है. वहीं उमर अपहरण और बिल्डर से मारपीट के मामले में जेल में बंद है.अतीक अहमद की कोई बेटी नहीं है, लेकिन बहन है जिसका नाम आयशा नूरी है. आयशा के पति इकलाख अहमद को भी पुलिस ने हत्या के आरोपियों की मदद के आरोप में गिरफ्तार किया था. अतीक पर भी 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं. उमेश पाल किडनैपिंग केस में उसे पहली बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई.

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अतीक अहमद का परिवार तांगा चलाकर करता था गुजर-बसर
वहीं अतीक की बात करें तो प्रयागराज के चाकिया मोहल्ले में फिरोज अहमद के परिवार में जन्म हुआ था, जो कि तांगा चलाकर गुजारा करते थे. अतीक 10वीं में फेल हो गया था, जिसके बाद उसका पढ़ाई से मन हट गया. इसके बाद अपराधी लोगों की संगति करने के बाद रंगदारी और अपहरण जैसे गुनाहों को अंजाम देने लगा. उस समय चांद बाबा की गुंडागर्दी चलती थी. अतीक ने जल्द ही खुद को चांद बाबा से बड़ा माफिया साबित कर दिया. आज अतीक पर 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं.

 कौन था असद?
असद माफिया अतीक अहमद का सबसे छोटा बेटा था. वह उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी था. दो पुलिसवालों की भी हत्या का आरोप था. लखनऊ से अपराध ऑपरेट करता था. उसे महंगी घड़ियों और फोन का शौक था. वह 12वीं पास था. असद  विदेश जाना चाहता था लेकिन पासपोर्ट नहीं बना. चाचा अशरफ़ से गोली चलाना सीखा था. असद ने घुड़सवारी भी सीखी थी.

फरारी के दौरान इन राज्यों में रहा असद
बता दें कि उमेश पाल की हत्या के बाद असद पहले लखनऊ गया था और लखनऊ से कानपुर गया. कानपुर से मरेठ और मेरठ में एक हफ्ते रहा. मेरठ से दिल्ली के संगम विहार आया. इसके बाद दिल्ली से वापस झांसी पहुंचा. झांसी से मोटरसाइकिल पर वह मध्य प्रदेश जा रहा था.

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