राजस्थान विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2023) में मतदाताओं ने रिकॉर्ड बनाया है. यह राज्य के इतिहास का अब तक का दूसरा सर्वाधिक मतदान है. एक खास बात यह भी है कि लगातार दूसरी बार राज्य में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक वोट डाले. 25 नवंबर को हुए चुनाव में राजस्थान के 199 विधानसभा सीटों में 117 सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में वोटिंग प्रतिशत में बड़ा इजाफा हुआ है. 82 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पिछली बार की तुलना में कम वोटिंग हुई है.
कांटे की टक्कर वाली लक्ष्मणगढ़, शिव, तिजारा, तारानगर, बसेड़ी, सवाईमाधोपुर, हवामहल, पोकरण, मांडल, खंडेला जैसी कई सीटों पर 2018 के पिछले चुनाव से ज्यादा वोटिंग हुई है. अगर पुराने ट्रेंड को आधार माना जाए, तो यह सत्ता में बदलाव का संकेत माना जा सकता है. यह मतदान (Rajasthan Voting Result) क्या इशारा कर रहा है? राज बदलेगा या रिवाज? यह तो 3 दिसंबर को पता चलेगा. लेकिन मतदान के आंकड़े दिलचस्प हैं.
राजस्थान में मतदान का रिकॉर्ड
- इस बार 75.5% मतदान हुआ.
- 2018 की तुलना में इस बार 0.8% ज़्यादा मतदान हुआ.
- 2013 में सबसे अधिक 75.7% मतदान हुआ.
कहीं मतदान बढ़ा तो कहीं घटा
- 2018 की तुलना में 117 सीटों पर मतदान बढ़ा. 82 सीटों पर मतदान घटा.
- कांग्रेस की मौजूदा 60 सीटों पर वोटिंग बढ़ी और 39 पर घटी है.
- बीजेपी की मौजूदा 41 सीटों पर वोटिंग बढ़ी और 32 पर घटी.
- हालांकि, कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने कुछ विधायकों के टिकट काट दिए थे.
- बीजेपी ने 73 में से 61 विधायकों को दोबारा टिकट दिया.
- कांग्रेस ने 100 में से 86 विधायकों को दोबारा उतारा.
- बीजेपी ने 12 और कांग्रेस ने 14 विधायकों के टिकट काटे.
- कड़े मुक़ाबले वाली सीटों पर मतदान बढ़ा.
- छोटी पार्टियों और निर्दलियों की अधिकांश सीटों पर वोटिंग बढ़ी है.
गहलोत, वसुंधरा, सतीश पूनिया की सीटों पर वोटिंग घटी
सीएम अशोक गहलोत की विधानसभा सीट सरदारपुरा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सीट झालरापाटन और पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की सीट आमेर पर पिछली बार की तुलना में वोटिंग प्रतिशत गिरा है. गहलोत की सरदारपुरा विधानसभा सीट पर साल 2018 की तुलना में मतदान में 0.54% की कमी आई है. साल 2018 में यहां 66.22% वोटिंग हुई थी, जबकि इस बार यह घटकर 65.68% रह गई है. वसुंधरा की विधानसभा सीट झालरापाटन पर इस बार 77.67 प्रतिशत वोटिंग हुई है, जो कि पिछली बार 77.93% की तुलना में 0.26% कम है.
राजस्थान में क्षेत्रवार मतदान
- पूर्वी राजस्थान की 58% सीटों पर मतदान बढ़ा है.
- मारवाड़ की 52% सीटों पर मतदान बढ़ा है.
- मेवाड़-हाड़ौती की 83% सीटों पर मतदान बढ़ा.
-उत्तरी राजस्थान की 38% सीटों पर मतदान बढ़ा.
बढ़े मतदान का फायदा किसको?
-1993 में 3.5% मतदान बढ़ा तो BJP की सरकार बनी.
-1998 में 2.8% मतदान बढ़ा तो कांग्रेस की सरकार बनी.
-2003 में 3.8% ज़्यादा मतदान हुआ तो बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई.
-2008 में 0.7% मतदान घटा और कांग्रेस की सरकार बनी.
-2013 में 9% ज़्यादा वोटिंग हुई और बीजेपी की बंपर जीत हुई.
-2018 में मतदान में 1% की कमी आई, कांग्रेस को सत्ता मिली.
-2023 में मतदान में 0.8% की बढ़ोतरी हुई. नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.
क्या कहता है इतिहास?
चुनाव मतदान (%) बदलाव (%) विजयी पार्टी
1993 60.6 +3.5 बीजेपी
1998 63.4 +2.8 कांग्रेस
2003 67.2 +3.8 बीजेपी
2008 66.5 -0.7 कांग्रेस
2013 75.7 +9.2 बीजेपी
2018 74.7 -1.0 कांग्रेस
2023 75.5 +0.8 ?
क्षेत्रवार 2018 की तुलना में इस बार मतदान
-पूर्वी राजस्थान की 64 में से 37 सीटों पर मतदान बढ़ा, 27 सीट पर घटा है.
-मारवाड़ा की 48 में से 25 सीटों पर मतदान बढ़ा, 23 सीट पर घटा है.
-मेवाड़-हाड़ौती की 48 में से 40 सीटों पर बढ़ा मतदान, 8 सीट पर घटा है.
-उत्तरी राजस्थान की 39 में से 15 सीटों पर बढ़ा मतदान, 24 सीट पर घटा.
बता दें कि राजस्थान में इस बार रिकॉर्ड तोड़ 75.45% वोटिंग हुई है. निर्वाचन विभाग ने शनिवार को हुई वोटिंग के फाइनल आंकड़े रविवार रात जारी कर दिए हैं. इसमें 74.62% वोटिंग EVM से हुई है, जबकि 0.83% पोस्टल बैलट से मतदान हुआ है. पिछली बार से इस बार 0.73% ज्यादा वोटिंग हुई है.
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