गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक को अवरोधक तोड़ने के लिए भीड़ को उकसाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया और कांग्रेस समर्थकों के इस कृत्य को 'नक्सली कार्रवाई' बताया.
युवा कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. के एक पोस्ट के जवाब में मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, ''मैंने असम पुलिस के महानिदेशक को भीड़ को उकसाने के लिए आपके नेता राहुल गांधी के खिलाफ का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है.'' शर्मा ने कहा कि जिस फुटेज को श्रीनिवास ने अपने अकाउंट पर पोस्ट किया है उसे साक्ष्य के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, ''यह असम की संस्कृति का हिस्सा नहीं है. हम एक शांतिपूर्ण राज्य हैं. इस तरह के नक्सलवादी हथकंडे हमारी संस्कृति के बिल्कुल विपरीत हैं.'' शर्मा ने कहा, ''आपके गैरजिम्मेदाराना आचरण और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन की वजह से अब गुवाहाटी की सड़कों पर भारी जाम लग गया.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि साक्ष्यों में दिखाई दे रहा है कि कैसे राहुल गांधी और कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह भीड़ को असम पुलिसकर्मियों की हत्या करने के लिए उकसा रहे हैं. शर्मा ने कहा, ''हमारे पुलिसकर्मी जनता के सेवक हैं और वे किसी शाही परिवार से ताल्लुक नहीं रखते. बाकी मैं आश्वासन देता हूं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं, जो आप तक जरूर पहुंचेंगे.''
राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को फिर से रोकने के लिए अवरोधक लगाने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए युवा कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष ने 'एक्स' पर कहा, ''जितना चाहे उतनी लाठियों का इस्तेमाल कर लो....यह जंग अब जारी रहेगी.''
राहुल गांधी की अगुवाई वाली यात्रा को शहर में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और अवरोधक तोड़ दिए. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान नारे भी लगाए.
गांधी ने शहर के बाहरी इलाके में पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ''हमने अवरोधक तोड़े हैं लेकिन कानून नहीं तोड़ेंगे.'' यात्रा को शहर की सीमा में प्रवेश करने से रोकने के लिए दो स्थानों पर अवरोधक लगाए गये थे. पुलिस को कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए बल प्रयोग भी करना पड़ा.
इस बीच, पुलिस महानिदेशक ने बताया कि गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने व उसका नेतृत्व करने और भीड़ को उकसाने वाले नेताओं और प्रतिभागियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है. डीजीपी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''मूल योजना के मुताबिक यात्रा को जारी रखने की सलाह दिए जाने के बावजूद कार्यक्रम में भाग लेने वालों ने वरिष्ठ नेताओं के उकसावे पर मार्ग बदलकर जबरदस्ती अपना रास्ता बनाने की कोशिश की, जिसका असम पुलिस ने विरोध किया.''
उन्होंने कहा कि यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं ने कुछ अवरोधकों को तोड़ने के लिए बल प्रयोग किया, जिससे कुछ पुलिसकर्मी और आम लोग भी घायल हो गये. जान-माल के खतरे को देखते हुए गुवाहाटी पुलिस ने यात्रा को वापस तय मार्ग पर मोड़ने के लिए मनाया.
अधिकारी ने कहा, ''हम आम जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए यात्रा को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.''उन्होंने कहा, ''आयोजकों को फिर से सलाह दी जाती है कि वे आपसी चर्चा के बाद तय किये गये निर्णयों पर ही कायम रहें.''
यात्रा को शहर की सीमा में प्रवेश करने से रोकने के लिए दो स्थानों पर अवरोधक लगाए गये थे. पुलिस को कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए बल प्रयोग भी करना पड़ा. समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी यही रास्ता चुना था लेकिन उन्हें (राहुल को) यहां यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई.
ये भी पढे़ं:-
भारत बना दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार, मार्केट कैप के मामले में हांगकांग को पीछे छोड़ा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं