
- असदुद्दीन ओवैसी ने मालेगांव बम धमाका मामले में सरकार से सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की मांग की है.
- उन्होंने कहा कि मालेगांव मामले की जांच में सबूत जुटाने वाले हेमंत करकरे के निधन से जांच प्रभावित हुई.
- ओवैसी ने भगवा आतंकवाद और इस्लामिक आतंकवाद दोनों के खिलाफ समान आपत्ति जताने की आवश्यकता पर जोर दिया.
हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एनडीटीवी से बात की. इस दौरान उन्होंने मालेगांव बम धमाके में आए फैसले से लेकर डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए टैरिफ तक पर विस्तार से बात की. मालेगांव पर आए फैसले पर उन्होंने कहा कि सरकार जिस तेजी से मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में सुप्रीम कोर्ट गई थी, उसी तेजी से उसे इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. इसके साथ ही ओवैसी ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच पर भी सवाल उठाए. आइए देखते हैं कि ओवैसी के साथ हुई इस बातचीत की पांच प्रमुख बातें क्या हैं.
मालेगांव पर एनआईए कोर्ट का फैसला
ओवैसी ने कहा कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए ब्लास्ट के मामले में फैसले के 24 घंटे के अंदर ही महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया था. उसी तरह से इस मामले में भी महाराष्ट्र सरकार और एनआईए को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए, क्योंकि इस मामले का अभी क्लोजर नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार को एनआईए को इजाजत देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 2006 में हुए मालेगांव बम धमाके के मामले में भी कई मुस्लिम युवाओं को पकड़ा गया था.लेकिन अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था. अब 2008 के मामले में भी वही हुआ है. इसलिए यह इंसाफ का तकाजा है कि इन घटनाओं के पीड़ितों को इंसाफ मिले.
ओवैसी ने इस मामले में कई खामियां भी गिनाईं. उन्होंने कहा कि इस मामले के विशेष सरकारी वकील के पास इस तरह के मुकदमों में पैरवी करने का अनुभव ही नहीं था.उन्होंने कहा कि इसी तरह के एक असमक्ष वकील को सीबीआई ने हैदराबाद के मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में भी बनाया था. एआईएमआईएम सासंद ने मामले की जांच पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे ने इस मामले की जांच की थी. उन्होंने कई महत्वपूर्ण सबूत भी जुटाए थे. वो इस मामले की जांच के दौरान ही शहीद हो गए. इससे मामले की जांच प्रभावित हुई. उन्होंने कहा कि एनआईए की जांच का नतीजा आप देख ही रहे हैं. ओवैसी ने कहा कि अगर हेमंत करकरे आज जिंदा होते तो आज इस केस का कोई और ही नतीजा आता.
कोई धर्म किसी को मारने की इजाजत नहीं देता
भगवा आतंकवाद के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि कोई भी धर्म किसी को मारने की इजाजत नहीं देता है.उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी को 'भगवा आतंकवाद' पर आपत्ति है तो उसे 'इस्लामिक आतंकवाद'पर भी आपत्ति होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देता है, लेकिन आज आतंकवाद ही एक नए तरह का धर्म बन गया है. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में कहा था कि हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकते हैं, ऐसे में सवाल यह है कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले कौन थे, इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले कौन थे और इंदिरा की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगों में शामिल लोग कौन थे.राजीव गांधी की हत्या करने वाले कौन थे. उन्होंने गुजरात दंगों पर भी सवाल उठाए.
आतंकवाद के आरोपियों के अदालतों से बरी हो जाने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि केवल मालेगांव ही नहीं बल्कि मालेगांव में 2006 में हुए धमाके, हैदराबाद के मक्का मस्जिद धमाके, अजमेर ब्लास्ट, समझौता ब्लास्ट के आरोपी भी बरी हुए हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर इन आरोपियों ने ब्लास्ट नहीं किया तो धमाके किए किसने. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहती है तो उसे इन मामलों के आरोपियों से भेदभाव नहीं करना चाहिए, भले ही वों किसी भी धर्म या संप्रदाय के हों.
डोनाल्ड ट्रंप को जवाब दे भारत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि सरकार को खुलकर कहना चाहिए कि हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को इसके जवाब में कहना चाहिए कि इसके जवाब में हम भी टैरिफ लगाएंगे. उन्होंने कहा कि भारत के पास यह ताकत है. भारत की इकोनॉमी को डेड बताने पर ओवैसी ने ट्रंप को खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि अगर आपको हमारा बाजार नहीं चाहिए तो हमें भी आपकी जरूरत नहीं है. रूस से व्यापार पर जुर्माना लगाने पर ओवैसी ने कहा कि भारत एक संप्रभु राज्य है, वो जिससे चाहे व्यापार कर सकता है. अमेरिका हमें बताने वाला कौन होता है. पाकिस्तान से भारत के तेल खरीदने के ट्रंप के बयान पर ओवैसी ने कहा कि जो देश हमारे देश में आग लगा रहा है, हम उससे तेल क्यों खरीदेंगे.
पाकिस्तान के साथ किक्रेट खेलने का विरोध क्यों कर रहे हैं. इस सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि विश्व बैंक ने मध्यस्थता करके सिंधु जल समझौता करवाया था, लेकिन भारत ने पानी का प्रवाह रोक दिया है. हमने व्यापार बंद कर दिया है. हम वीजा नहीं दे रहे हैं और हम सीमाएं बंद कर चुके हैं, पाकिस्तान का कोई भी जहाज भारत की सीमा में नहीं आ सकती , इसी तरह से उसकी कोई भी नौका भारत की जल सीमा में नहीं आ सकती, उन्होंने कहा कि हम सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हैं. पहलगाम हमले के बाद से सरकार की ओर से उठाए गए इन कदमों पर पूरे देश ने सरकार का साथ दिया, ऐसे में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच कैसे हो सकता है.
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