नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी के सबसे कड़े आलोचक में से एक माना जाता है
पटना:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तकरार का सिलसिला पीएम के राज्य-दौरे में भी साफ नज़र आया। एक तरफ नीतीश ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री से कुछ तीखी विनती कर डाली, वहीं पटना में शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी भी तंज कसने से खुद को रोक नहीं पाए।
प्रधानमंत्री के बिहार आने से पहले नीतीश कुमार ने कहा था "मेरी पीएम से एक विनती है। जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब मैं बतौर रेल्वे मंत्री उनके राज्य में गया था। अब ज़रा वो भी दनियावां-बिहार शरीफ रेल प्रोजेक्ट को पूरा करवा दें जो पता नहीं कब शुरु होने वाला था।" अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 2004 तक चली एनडीए सरकार का हवाला देते हुए नीतीश ने कहा "अगर उस वक्त चुनाव अपने समय से छह महीने पहले नहीं होते तो शायद वो प्रोजेक्ट 2004 में शुरु हो चुका होता।"
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा "मैं नीतीशजी से सहमत हूं। जो काम वाजपेयी सरकार में पूरा होना चाहिए था, वो अब पूरा हो रहा है। अगर वाजपेयी सरकार आगे भी रहती तो रेल का काम पूरा हो चुका होता। नीतीश उस वक्त रेल मंत्री थे। मैं उनका दर्द समझ सकता हूं। बिहार राजनीति का शिकार रहा है।" मुख्यमंत्री के बिहार को विशेष पैकेज दिए जाने की मांग पर पीएम ने कहा कि उन्हें बिहार के लिए 50 हजार करोड़ के पैकेज का अपना वादा याद है जिसे वो ना सिर्फ पूरा करेंगे बल्कि उससे भी ज्यादा बड़ा पैकेज देंगे। गौरतलब है की नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी के सबसे कड़े आलोचक में से एक माना जाता है। यहां तक की 2013 में प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी का नाम सामने लाए जाने के बाद नीतीश ने भाजपा से रास्ते अलग कर लिए थे।
प्रधानमंत्री के बिहार आने से पहले नीतीश कुमार ने कहा था "मेरी पीएम से एक विनती है। जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब मैं बतौर रेल्वे मंत्री उनके राज्य में गया था। अब ज़रा वो भी दनियावां-बिहार शरीफ रेल प्रोजेक्ट को पूरा करवा दें जो पता नहीं कब शुरु होने वाला था।" अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 2004 तक चली एनडीए सरकार का हवाला देते हुए नीतीश ने कहा "अगर उस वक्त चुनाव अपने समय से छह महीने पहले नहीं होते तो शायद वो प्रोजेक्ट 2004 में शुरु हो चुका होता।"
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा "मैं नीतीशजी से सहमत हूं। जो काम वाजपेयी सरकार में पूरा होना चाहिए था, वो अब पूरा हो रहा है। अगर वाजपेयी सरकार आगे भी रहती तो रेल का काम पूरा हो चुका होता। नीतीश उस वक्त रेल मंत्री थे। मैं उनका दर्द समझ सकता हूं। बिहार राजनीति का शिकार रहा है।" मुख्यमंत्री के बिहार को विशेष पैकेज दिए जाने की मांग पर पीएम ने कहा कि उन्हें बिहार के लिए 50 हजार करोड़ के पैकेज का अपना वादा याद है जिसे वो ना सिर्फ पूरा करेंगे बल्कि उससे भी ज्यादा बड़ा पैकेज देंगे। गौरतलब है की नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी के सबसे कड़े आलोचक में से एक माना जाता है। यहां तक की 2013 में प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी का नाम सामने लाए जाने के बाद नीतीश ने भाजपा से रास्ते अलग कर लिए थे।
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