पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी इलाज के लिए विदेश रवाना हो चुकी हैं....
नई दिल्ली:
जब पांच राज्यों के चुनाव परिणाम शनिवार को सामने आने वाले हैं, तब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी देश में मौजूद नहीं रहेंगी. पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वह इलाज के लिए विदेश जा रही हैं. इस तरह से वह विधानसभा चुनावों के नतीजे के पहले भारत में मौजूद नहीं रहेंगी. बीमारी के चलते उन्होंने चुनाव प्रचार में भी हिस्सा नहीं लिया था. 1998 में पार्टी की कमान संभालने के बाद यह पहला मौका था जब उन्होंने चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया. सात माह पहले उन्होंने वाराणसी में रोड शो किया था जहां से उन्होंने उत्तर प्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रचार का सांकेतिक आगाज किया था. हालांकि रोड शो के दौरान तबियत बिगड़ जाने से उन्हें दौरा बीच में ही छोड़ना पड़ा था.
बीते मंगलवार को वह इलाज के लिए विदेश रवाना हो गईं थी और 22 मार्च तक देश वापस आने की उम्मीद है. हालांकि अगर चिकित्सकों ने और आराम की सलाह दी तो यह अवधि और बढ़ सकती है. रवाना होने से पहले उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उनकी अनुपस्थिति में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी फैसले लेंगे. ऐसे में संसद सत्र के लिए कांग्रेस सांसदों के साथ कल होने वाली औपचारिक मीटिंग की अध्यक्षता राहुल करेंगे. संसद सत्र 11 अप्रैल तक चलेगा.
यदि पार्टी हार का सिलसिला नहीं तोड़ पाती तो राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ सकते हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी का कैपेंनिग उन्हें के जिम्मे थी. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. कहा तो यह भी जा रहा है कि पार्टी को नए सिरे से जीवित करने के लिए प्रियंका गांधी को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है.
बीते मंगलवार को वह इलाज के लिए विदेश रवाना हो गईं थी और 22 मार्च तक देश वापस आने की उम्मीद है. हालांकि अगर चिकित्सकों ने और आराम की सलाह दी तो यह अवधि और बढ़ सकती है. रवाना होने से पहले उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उनकी अनुपस्थिति में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी फैसले लेंगे. ऐसे में संसद सत्र के लिए कांग्रेस सांसदों के साथ कल होने वाली औपचारिक मीटिंग की अध्यक्षता राहुल करेंगे. संसद सत्र 11 अप्रैल तक चलेगा.
यदि पार्टी हार का सिलसिला नहीं तोड़ पाती तो राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ सकते हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी का कैपेंनिग उन्हें के जिम्मे थी. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. कहा तो यह भी जा रहा है कि पार्टी को नए सिरे से जीवित करने के लिए प्रियंका गांधी को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है.
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