फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने बस रैपिड ट्रांजिट यानी बीआरटी कॉरिडोर को खत्म करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि सात साल पहले जब से बीआरटी का निर्माण हुआ तब से ही उसकी खूब आलोचना होती रही है।
दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि बीआरटी को खत्म करने का निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘जनता की मांग पर और अतीत में घटी दुर्घटनाओं को देखते हुए बीआरटी कॉरिडोर को हटाया जाएगा। कैबिनेट ने इसे समाप्त करने की अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली का बीआरटी मॉडल विफल रहा, लेकिन यातायात को नियंत्रित करना और सार्वजनिक परिवहन को मजबूती प्रदान करना जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘दुनियाभर में बीआरटी के सफल मॉडल हैं। हमारा दिल्ली बीआरटी का मॉडल विफल रहा। सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने के लिए बीआरटी जरूरी है।’ हालांकि सिसोदिया ने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा कि उनकी सरकार सफल विदेशी मॉडलों को अपनाएगी या नहीं।
जब सिसोदिया से पूछा गया कि बीआरटी कॉरिडोर को कैसे समाप्त किया जाएगा तो उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग को इस पर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया जाएगा।
कांग्रेस सरकार ने 2012 में 14 ऐसे कॉरिडोर बनाने का फैसला किया था लेकिन 2013 में अदालत में एक मामले के बाद परियोजनाओं को रोक दिया गया।
मौजूदा बीआरटी कॉरिडोर 2008 में बना था और तब से इसकी काफी आलोचना हुई लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने परियोजना का बचाव किया था।
भाजपा ने भी बीआरटी कॉरिडोर को समाप्त करने की मांग की थी और इस साल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने विजन डॉक्यूमेंट में बीआरटी को हटाने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया नहीं दी, वहीं भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने विवादास्पद परियोजना में हुए खर्च के मामले में जांच की मांग की।
गुप्ता ने कहा, ‘बीआरटी कॉरिडोर को समाप्त करना समाधान नहीं है। क्या उन्होंने इस तरह का फैसला लेने से पहले जनता से पूछा? इस परियोजना पर करोड़ों रपये खर्च किये गये थे। मैं परियोजना में सरकारी धन की बर्बादी के मामले में जांच का आदेश देने की मांग करता हूं।’ पूर्व परिवहन मंत्री और 'आप' के दिल्ली सचिव सौरभ भारद्वाज ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि बीआरटी कॉरिडोर की डिजाइन गलत है जिससे लोगों को परेशानी होती है।
(इनपुट एजेंसी से भी)
दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि बीआरटी को खत्म करने का निर्णय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘जनता की मांग पर और अतीत में घटी दुर्घटनाओं को देखते हुए बीआरटी कॉरिडोर को हटाया जाएगा। कैबिनेट ने इसे समाप्त करने की अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली का बीआरटी मॉडल विफल रहा, लेकिन यातायात को नियंत्रित करना और सार्वजनिक परिवहन को मजबूती प्रदान करना जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘दुनियाभर में बीआरटी के सफल मॉडल हैं। हमारा दिल्ली बीआरटी का मॉडल विफल रहा। सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने के लिए बीआरटी जरूरी है।’ हालांकि सिसोदिया ने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा कि उनकी सरकार सफल विदेशी मॉडलों को अपनाएगी या नहीं।
जब सिसोदिया से पूछा गया कि बीआरटी कॉरिडोर को कैसे समाप्त किया जाएगा तो उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग को इस पर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया जाएगा।
कांग्रेस सरकार ने 2012 में 14 ऐसे कॉरिडोर बनाने का फैसला किया था लेकिन 2013 में अदालत में एक मामले के बाद परियोजनाओं को रोक दिया गया।
मौजूदा बीआरटी कॉरिडोर 2008 में बना था और तब से इसकी काफी आलोचना हुई लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने परियोजना का बचाव किया था।
भाजपा ने भी बीआरटी कॉरिडोर को समाप्त करने की मांग की थी और इस साल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने विजन डॉक्यूमेंट में बीआरटी को हटाने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया नहीं दी, वहीं भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने विवादास्पद परियोजना में हुए खर्च के मामले में जांच की मांग की।
गुप्ता ने कहा, ‘बीआरटी कॉरिडोर को समाप्त करना समाधान नहीं है। क्या उन्होंने इस तरह का फैसला लेने से पहले जनता से पूछा? इस परियोजना पर करोड़ों रपये खर्च किये गये थे। मैं परियोजना में सरकारी धन की बर्बादी के मामले में जांच का आदेश देने की मांग करता हूं।’ पूर्व परिवहन मंत्री और 'आप' के दिल्ली सचिव सौरभ भारद्वाज ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि बीआरटी कॉरिडोर की डिजाइन गलत है जिससे लोगों को परेशानी होती है।
(इनपुट एजेंसी से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बीआरटी कॉरिडोर, अरविंद केजरीवाल, केजरीवाल सरकार, बस रैपिड ट्रांजिट, BRT Corridor, Arvind Kejriwal, Kejriwal Government, Bus Rapid Transit Corridor