भारतीय जनता पार्टी ने कैग (CAG) रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री आवास पर छिड़े विवाद पर घेरने की कोशिश की है. कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना इजाज़त लिए इमरजेंसी क्लॉज का इस्तेमाल करके बंगला बनाया है. साथ ही दावा किया कि एमसीडी की इजाजत लिये बिना बंगला बनाया गया. साल 2022 तक इस बंगले पर क़रीब 33 करोड़ रुपये खर्च किया गया. हालांकि, बीजेपी का आरोप है कि अब तक अरविंद केजरीवाल के 'शीशमहल' पर 75-80 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने कहा, 'मुख्यमंत्री शीशमहल बंगला निर्माण पर 33.66 करोड़ रुपये का खर्च तो बस एक फिगर है, असली लागत का तो कोई अंदाजा ही नहीं है.रिपोर्ट में सबसे ज्यादा आपत्ति मुख्यमंत्री के लिए आवास कैटेगरी तय करने, फिर उसे भी बढ़ाने, आपातकाली आवश्यकता घोषित करने, काम को कभी स्थाई, तो कभी अस्थाई बताने को लेकर है.'
कैग रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर 139 सवाल उठाए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि PWD ने निजी संस्था के तौर पर काम किया, बिना इजाज़त करोड़ रुपये बंगला बनाने के लिए खर्च किए. पहले 7 करोड़ 91 लाख का बजट इमरजेंसी के तौर पर पास किया गया था. साल 2020 में पहला वर्क स्टीमेट बना जब दिल्ली कोविड की मार झेल रहा था.
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