वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर वार करते हुए कहा कि वह भले ही अपने 'बॉस' ( प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को खुश करना चाह रहे हों, लेकिन उनकी टिप्पणी 'बेतुकी' है, क्योंकि आम आदमी से लेकर राष्ट्रपति तक ने असहिष्णुता के बढ़ते माहौल पर चिंता जताई है। (पढ़ें : अरुण जेटली बोले- वैचारिक असहिष्णुता के सबसे बड़े पीड़ित रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी)
कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा, 'जेटली अपने बॉस (नरेंद्र मोदी) को खुश करना चाहते हैं... उन्हें ऐसे समय में ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जब आम आदमी से लेकर राष्ट्रपति तक और मूडीज से लेकर उद्योगपति और बुद्धिजीवी वर्ग तक असहिष्णुता के बढ़ते माहौल पर चिंता जता रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ने भी इस बारे में (असहिष्णुता) बात की है।'
जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में कांग्रेस और वामपंथी दलों पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति 'वैचारिक असहिष्णुता' अपनाने और भारत को व्यवस्थित झूठे प्रचार के माध्यम से असहिष्णु समाज के तौर पर पेश करने के आरोप लगाए। उनकी इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है।
जेटली ने कहा कि 2002 से खुद प्रधानमंत्री इस वैचारिक असहिष्णुता से पीड़ित रहे हैं। जेटली ने कहा, उनकी दोहरी नीतियां हैं। पहला संसद को बाधित करो और ऐसे सुधार नहीं आने दो जिसका श्रेय मोदी सरकार को जाता हो। दूसरी व्यवस्थित झूठे प्रचार के माध्यम से ऐसा माहौल बनाओ कि भारत में सामाजिक विवाद खड़ा हो। वे भारत को एक असहिष्णु समाज के तौर पर पेश करना चाहते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा, 'जेटली अपने बॉस (नरेंद्र मोदी) को खुश करना चाहते हैं... उन्हें ऐसे समय में ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जब आम आदमी से लेकर राष्ट्रपति तक और मूडीज से लेकर उद्योगपति और बुद्धिजीवी वर्ग तक असहिष्णुता के बढ़ते माहौल पर चिंता जता रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ने भी इस बारे में (असहिष्णुता) बात की है।'
जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में कांग्रेस और वामपंथी दलों पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति 'वैचारिक असहिष्णुता' अपनाने और भारत को व्यवस्थित झूठे प्रचार के माध्यम से असहिष्णु समाज के तौर पर पेश करने के आरोप लगाए। उनकी इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है।
जेटली ने कहा कि 2002 से खुद प्रधानमंत्री इस वैचारिक असहिष्णुता से पीड़ित रहे हैं। जेटली ने कहा, उनकी दोहरी नीतियां हैं। पहला संसद को बाधित करो और ऐसे सुधार नहीं आने दो जिसका श्रेय मोदी सरकार को जाता हो। दूसरी व्यवस्थित झूठे प्रचार के माध्यम से ऐसा माहौल बनाओ कि भारत में सामाजिक विवाद खड़ा हो। वे भारत को एक असहिष्णु समाज के तौर पर पेश करना चाहते हैं।
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