आरोपी छात्र उमर ख़ालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य ने आत्म समर्पण कर दिया है
नई दिल्ली:
देशद्रोह का आरोप झेल रहे जेएनयू छात्र उमर ख़ालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य से अलग अलग कमरों में पूछताछ की गई है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी एनडीटीवी को दी है और बताया कि युनिवर्सिटी में हुए विवादित कार्यक्रम को लेकर दोनों ही छात्रों ने अलग अलग बयान दिए हैं। गौरतलब है कि उमर ख़ालिद, अनिर्बन और जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की 9 फरवरी को जेएनयू परिसर में हुए अफज़ल गुरु से संबंधित कार्यक्रम में कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तारी की गई है। यह कार्यक्रम अफज़ल गुरु को दी गई फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था और बताया जा रहा है कि इस मौके पर भारत विरोधी नारे भी लगाए गए थे।
'नारे लगे थे..'
सूत्रों का कहना है कि उमर ख़ालिद ने नकारा है कि कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाए गए थे। वहीं अनिर्बन ने पुलिस के सामने कथित रूप से स्वीकारा कि नारे तो लगे थे लेकिन वह यकीन से नहीं कह सकते कि वह देश द्रोही नारे ही थे। उमर खालिद पर इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक होने का आरोप है लेकिन पुलिस के सामने जेएनयू छात्र ने कथित तौर पर इस आयोजन का हिस्सा भर होने की बात कही है। इस बात की जांच हो रही है कि क्या कैंपस में बाहर से भी इस इवेंट के लिए छात्रों ने भाग लिया था। पुलिस ने आरोपी छात्रों से यह भी पूछा है कि रविवार को कैंपस में फिर से दिखाई देने से पहले पूरे दस दिन तक वह कहां थे।
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आप जानते हैं, क्या कहती है देशद्रोह की धारा 124 ए ?
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बताया जा रहा है कि ख़ालिद ने झारखंड और गाज़ियाबाद का रुख़ किया था लेकिन पुलिस को शक है कि ऐसा कहकर वह उन प्रोफेसरों की बचाने की कोशिश कर रहे हैं जिन्होंने आरोपी छात्रों को आसरा दिया था। पूछताछ के दौरान उमर और अनिर्बन से उन 28 उत्तेजक नारों की बात की गई जो कथित तौर पर अफज़ल गुरु से संबंधित कार्यक्रम में लगाए गए थे। बता दें कि कन्हैया कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और फिलहाल वह तिहार जेल में है। वहीं उमर और अनिर्बन ने मंगलवार की रात तब आत्मसमर्पण कर दिया जब कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के लिए मना कर दिया। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने इन छात्रों की इस मांग को खारिज करने के साथ पुलिस को आगाह भी किया कि किसी को 'एक खरोंच' भी नहीं आनी चाहिए।
'नारे लगे थे..'
सूत्रों का कहना है कि उमर ख़ालिद ने नकारा है कि कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाए गए थे। वहीं अनिर्बन ने पुलिस के सामने कथित रूप से स्वीकारा कि नारे तो लगे थे लेकिन वह यकीन से नहीं कह सकते कि वह देश द्रोही नारे ही थे। उमर खालिद पर इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक होने का आरोप है लेकिन पुलिस के सामने जेएनयू छात्र ने कथित तौर पर इस आयोजन का हिस्सा भर होने की बात कही है। इस बात की जांच हो रही है कि क्या कैंपस में बाहर से भी इस इवेंट के लिए छात्रों ने भाग लिया था। पुलिस ने आरोपी छात्रों से यह भी पूछा है कि रविवार को कैंपस में फिर से दिखाई देने से पहले पूरे दस दिन तक वह कहां थे।
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बताया जा रहा है कि ख़ालिद ने झारखंड और गाज़ियाबाद का रुख़ किया था लेकिन पुलिस को शक है कि ऐसा कहकर वह उन प्रोफेसरों की बचाने की कोशिश कर रहे हैं जिन्होंने आरोपी छात्रों को आसरा दिया था। पूछताछ के दौरान उमर और अनिर्बन से उन 28 उत्तेजक नारों की बात की गई जो कथित तौर पर अफज़ल गुरु से संबंधित कार्यक्रम में लगाए गए थे। बता दें कि कन्हैया कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और फिलहाल वह तिहार जेल में है। वहीं उमर और अनिर्बन ने मंगलवार की रात तब आत्मसमर्पण कर दिया जब कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के लिए मना कर दिया। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने इन छात्रों की इस मांग को खारिज करने के साथ पुलिस को आगाह भी किया कि किसी को 'एक खरोंच' भी नहीं आनी चाहिए।
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