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This Article is From Feb 10, 2023

14 फरवरी को  'काउ हग डे' के रूप में मनाएं जाने की अपील वापस ली गई

रूपाला मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा था कि इस उद्देश्य के लिए 14 फरवरी की तारीख के चुनाव में ज्यादा कुछ नहीं पढ़ा जाना चाहिए.

नई दिल्ली:

14 फरवरी को  'काउ हग डे' के रूप में मनाए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री की अपील को वापस ले लिया गया है. इस अपील को वापस लेने का फैसला  'काउ हग डे' को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार बन रहे मीम्स को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इस फैसले को वापस लेने का ऐलान एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने किया है. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आम लोगों से अपील की थी कि वो आगामी 14 फरवरी को 'काउ हग डे' के रूप में मनाए और अपने आसपास जो गाएं हैं उन्हें गले लगाएं. 

बता दें कि रूपाला मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा था कि इस उद्देश्य के लिए 14 फरवरी की तारीख के चुनाव में ज्यादा कुछ नहीं पढ़ा जाना चाहिए. 14 फरवरी को दुनियाभर में ‘वैलेंटाइन डे' के रूप में मनाया जाता है.

वहीं, रूपाला ने संवाददाताओं से कहा था कि इस देश में गाय की पूजा करने की पुरानी परंपरा है और यह बहुत खुशी की बात है कि लोग गाय को गले लगाते हैं.. यह अच्छा होगा अगर लोग हमारी अपील पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दें.

चूंकि 14 फरवरी प्यार का दिन है, इसलिए अच्छा होगा, अगर लोग उस दिन गाय को याद करें और उससे प्यार करें. उन्होंने कहा था और अगर कोई इसपर ताने मारता है तो गुस्सा नहीं करना चाहिए बल्कि दया करनी चाहिए.'

यह पहली बार है, पशु कल्याण कानूनों पर एक वैधानिक सलाहकार निकाय, एडब्ल्यूबीआई ने भी देश में गाय प्रेमियों से 'काउ हग डे' मनाने की अपील की थी. बोर्ड ने था कहा कि यह अपील इसलिए की गई है क्योंकि पश्चिमी संस्कृति की प्रगति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्त होने के कगार पर हैं.

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 4 के तहत वर्ष 1962 में स्थापित यह बोर्ड, पशु कल्याण संगठनों को अनुदान प्रदान करता है और केंद्र को पशु कल्याण के मुद्दों पर सलाह देता है.

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