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This Article is From Aug 20, 2011

अन्ना का आंदोलन, सरकार का टालमटोल जारी

नई दिल्ली: प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर पांच दिनों से अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को मिल रहे जनसमर्थन से रक्षात्मक रुख अपनाने पर मजबूर हुई सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं दिख रही है। एक तरफ अन्ना हजारे ने जन लोकपाल विधेयक को 30 अगस्त तक पारित कराने की मांग कर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर बातचीत का प्रस्ताव देते हुए विधायी प्रक्रियाओं की मजबूरियां गिनाई हैं। इस बीच संसद की कार्मिक, सार्वजनिक शिकायतें, कानून और न्याय मामलों की स्थायी समिति ने प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन छपवाकर लोगों से लोकपाल विधेयक में संशोधन के लिए सुझाव देने को कहा है। कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की अध्यक्षता वाली समिति के इस कदम को जन लोकपाल विधेयक के पक्ष में बन रहे माहौल को शांत करने की कोशिश मानी जा रही है। हालांकि इस पहल को अन्ना हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने समय की बर्बादी और मामले को दबाने की सरकारी चाल बताया है। राजधानी में 12वीं पंचवर्षीय योजना को लेकर हुई बैठक के बारे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "कई बाधाएं हैं। विधायी प्रक्रियाओं के पीछे तर्क हैं। निश्चित चरणों को पार करना पड़ता है। मैं आशा करता हूं कि लोग विधायी प्रक्रियाओं की गतिशीलता की सराहना करेंगे जिसमें कभी-कभी अधिक समय लग जाता है।" उन्होंने कहा, "हम सभी लोकपाल के पक्ष में हैं, जो मजबूत हो, जो प्रभावी हो और ऐसे में बातचीत की काफी गुंजाइश है।" उन्होंने कहा, "हमें आशा है कि अंतत: एक मजबूत और प्रभावी लोकपाल बनाने के मामले में हम देश के विभिन्न वैचारिक वर्गो से सहयोग हासिल कर सकते हैं।" इससे पहले सिंघवी ने कहा, "हमने विज्ञापन जारी कर इच्छुक लोगों से लोकपाल विधेयक पर बिना किसी झिझक के तटस्थ विचार देने को कहा है। हम सभी सुझावों पर ध्यान देंगे।" इस बारे में केजरीवाल ने कहा, "जहां तक राय जानने की बात है तो यह कोई जनमत संग्रह नहीं है, यदि सरकार कोई जनमत संग्रह कराती है तो सरकारी लोकपाल विधेयक को लोग पूरी तरह से खारिज कर देंगे।" केजरीवाल ने कहा, "हम समझते हैं कि इस विधेयक को स्वीकार कर और इस पर सार्वजनिक राय आमंत्रित कर वे समय ही बर्बाद करेंगे, क्योंकि यह संशोधन के लायक है ही नहीं। इसमें आमूलचूल बदलाव की जरूरत है।" इस बीच, मंगलवार से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने शनिवार सुबह कहा कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और जन लोकपाल विधेयक पारित होने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। रामलीला मैदान में गूंज रहे देशभक्ति के तरानों के बीच हजारों समर्थकों को सम्बोधित करते हुए अन्ना ने कहा, "मैं पूरी तरह से ठीक हूं और मुझे कुछ नहीं होगा। आप अपना जोश बनाए रखिए और मांग पूरी होने तक डटे रहिए।" उन्होंने कहा, "पिछले चार दिन में मेरा वजन 3.5 किलोग्राम कम हुआ है लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं।" अन्ना ने कहा कि इस देश के खजाने को चोरों से नहीं बल्कि भ्रष्टाचारी नेताओं से खतरा है। सरकार को जनता की बात माननी ही पड़ेगी। अन्ना ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में रामलीला मैदान पहुंचने की अपील की।

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