केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े (Ananth Kumar Hegde) ने सबरीमाला मंदिर मामले (Sabrimala Temple Issue) के संचालन को लेकर केरल सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार इस मामले को हैंडल कर रही है उससे यह मामला अब 'हिन्दुओं से दिन-दहाड़े रेप' की तरह हो चला है. खास बात यह है कि मंत्री का बयान सबरीमाला मंदिर (Sabrimala Temple Issue) में दो महिलाओं के प्रवेश की सूचना पर हिंदूवादी संगठनों द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ बुलाए गए प्रदर्शन के बाद आया है. हेगड़े ने कहा कि "मुख्यमंत्री का पूर्वाग्रह, वामपंथी पूर्वाग्रह के बजाय, केरल में पूर्ण भ्रम पैदा कर रहा है. सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने जो निर्देश दिया है, मैं उससे पूरी तरह सहमत हूं. चूंकि कानून और व्यवस्था एक राज्य का विषय है, इसलिए इसे देखना चाहिए था." जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाए बिना कूटनीतिक रूप से प्रबंधित किया जा सकता है. "
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उन्होंने कहा कि केरल सरकार पूरी तरह से विफल रही है. मैं कहना चाहूंगा कि यह पूरी तरह से दिन दहाड़े हिंदू से बलात्कार जैसा है. बता दें कि सबरीमाला में बुधवार को दो महिलाओं के प्रवेश के बाद से ही राजनीति गरमा गई है. इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा ने केरल की माकपा नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर जमकर हमला बोला है. विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत किया और यह प्रतिबंधित आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश कराने के मुख्यमंत्री के कड़े रवैये को दर्शाता है.
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वहीं, कांग्रेस नेता चेन्निथला ने पत्रकारों से कहा कि ‘वीमेन वॉल' अभियान के बाद उन्हें कौन मंदिर लेकर गया? 24 दिसम्बर को पहली बार मंदिर में प्रवेश करने के असफल प्रयास के बाद से वे कई दिनों से फरार थीं. यह स्पष्ट है कि वे पुलिस संरक्षण में थी. पुलिस ने मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार काम किया. यह मुख्यमंत्री के अड़ियल रवैया का नतीजा है. उन्होंने यह भी कहा कि शुद्धिकरण के लिए मंदिर का बंद किया जाना सही है. इस मामले में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता ने भी सरकार की निंदा की. उन्होंने कहा कि वह राज्यभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
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जबकि भाजपा के राज्य प्रमुख पी एस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि केरल सरकार को भगवान अयप्पा के क्रोध का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठगा है. वहीं,भाजपा नेता एम टी रमेश ने कहा कि पार्टी अगले दो दिनों तक श्रद्धालुओं द्वारा राज्य में किए जाने वाले नाम जपम प्रदर्शन का समर्थन करेगी. राज्य सरकार के सबरीमाला में सभी उम्र की महिलाओं को अनुमति देने के शीर्ष अदालत के आदेश को लागू करने के फैसले के खिलाफ "नाम जपम" आंदोलन की अगुवाई करने वाली सबरीमाला कर्म समिति ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है.
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ध्यान हो कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 28 सितम्बर को 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी. इसके बावजूद विभिन्न श्रद्धालुओं और दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के कारण कोई बच्ची या युवा महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाईं थीं. मंदिर में प्रवेश करने वाली दोनों महिलाओं की पहचान कनकदुर्गा (44) और बिंदू (42) के तौर पर की गई है. उन्होंने बुधवार को सुबह तीन बजकर 38 मिनट पर पारम्परिक काली पोशाक पहने भगवान अयप्पा के पवित्र मंदिर में प्रवेश किया था. उन्होंने अपने सिर ढके हुए थे. मंगलवार को महिलाओं के ‘वीमेन वॉल' अभियान के तहत देश के उत्तरी सिरे कासरगोड से दक्षिणी छोर तक करीब 620 किलोमीटर लंबी एक श्रृंखला (चनन) बनाने के एक दिन बाद महिलाएं दर्शन के लिए पहुंची थी.
VIDEO: औरतों के प्रवेश को लेकर जारी किया गया नोटिस.
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