विज्ञापन

हिंदी किसी भाषा की विरोधी नहीं , सभी भारतीय भाषाओं की दोस्त है : अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि ये बहुत ज़रूरी है कि देश में प्रशासन का काम लोगों की अपनी भाषाओं में चले.गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार लगातार ये प्रयास कर रही है कि देश में तकनीकी शिक्षा भी हिंदी और बाक़ी भारतीय भाषाओं में हो.

हिंदी किसी भाषा की विरोधी नहीं , सभी भारतीय भाषाओं की दोस्त है : अमित शाह

देश के कुछ भागों में हो रहे हिंदी के विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हिंदी किसी भी भारत की विरोधी नहीं है. अमित शाह ने कहा कि हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी या दोस्त रही है.अमित शाह ने गुरुवार को गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले राजभाषा विभाग के 50 साल पूरे होने पर स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत किया. गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी देश की सभी भाषाओं की दोस्त है. अमित शाह का बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हिंदी को लेकर राजनीतिक विरोध हो रहा है. अमित शाह ने कहा कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं होती बल्कि देश की पहचान होती है और इसलिए सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिए. 

देश में प्रशासन का काम लोगों की अपनी भाषाओं में चले

अमित शाह ने कहा कि ये बहुत ज़रूरी है कि देश में प्रशासन का काम लोगों की अपनी भाषाओं में चले.गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार लगातार ये प्रयास कर रही है कि देश में तकनीकी शिक्षा भी हिंदी और बाक़ी भारतीय भाषाओं में हो. उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के लिए जरूरी किताबें और सॉफ्टवेयर भी हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित की जा रही हैं. समारोह में मौजूद राजलक्ष्मी कृष्णन ने कहा कि तमिलनाडु में भी हिंदी का प्रचार प्रसार हो रहा है और लोग हिंदी सीखना चाहते हैं. कृष्णन तमिल और हिंदी भाषा की विद्वान हैं और 82 साल की उम्र होने के बावजूद तमिलनाडु में हिंदी के प्रचार और प्रसार में जुटी हुई हैं.

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक पुस्तक का विमोचन

इस मौके पर अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक पुस्तक का विमोचन किया. किताब में ऑपरेशन सिंदूर के अलग-अलग पहलुओं के बारे में लेखों का संकलन किया गया है. इन लेखों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के अलावा डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और DGAO एयर मार्शल एके भारती के लिखे लेख भी शामिल हैं. किताब में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी एनडीटीवी के एक लेख का भी वर्णन किया गया है .

भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वल

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी 2020 में नई शिक्षा नीति लाए. उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के लिए शिक्षा नीति, आने वाले 50 साल में देश किस रास्ते पर आगे बढ़ेगा, इसकी परिचायक होती है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में कक्षा 5 और कक्षा 8 तक मातृभाषा और स्थानीय भाषा पढ़ाने पर बल दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमारी भाषाओं के विकास का समर्थन नीतिगत रूप से किया गया है और 22 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में प्राथमिक कक्षा की 104 पुस्तकें भी शुरू की गई हैं. अमित शाह ने कहा कि भारतीय सांकेतिक भाषा के लिए कक्षा 1 से 12 तक के लिए अनुवादित शिक्षण सामग्री और पुस्तकें उपलब्ध करा दी गई हैं. 200 से अधिक टीवी चैनल्स 29 भाषाओं में शैक्षिक सामग्री प्रदान करते हैं और दीक्षा प्लेटफॉर्म पर 133 बोलियों में 3 लाख 66 हज़ार से अधिक ई-सामग्री उपलब्ध कराई है जिनमें 7 विदेशी भाषाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की यह पहल राजभाषा और भारतीय भाषाओं को मज़बूत करने में सहायक सिद्ध होगा। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में हवलदार पद के लिए परीक्षा अब भारतीय भाषाओं में आयोजित की जाती है और 95 प्रतिशत परीक्षार्थी अपनी मातृभाषा में परीक्षा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि आने वाले दिनों में भारतीय भाषाओं का भविष्य बहुत उज्ज्वल है.

अमित शाह ने कहा कि राजभाषा विभाग ने तय किया है. आने वाले दिनों में हम भारतीय भाषा अनुभाग के माध्यम से भारतीय भाषाओं को किशोरों और युवाओं की भाषा बनाएंगे. उन्होंने कहा कि विगत कुछ दशकों में भाषा को भारत को तोड़ने का ज़रिया बनाया गया था, लेकिन इस प्रयास में सफलता नहीं मिली. गृहमंत्री ने कहा कि हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारी भाषाएं भारत को तोड़ने का नहीं बल्कि जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनें. गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में आज रखी जा रही नींव 2047 में एक विकसित और महान भारत की रचना करेगी. इसके अंतर्गत भारतीय भाषाओं को उन्नत और समृद्ध बनाने के साथ ही इनकी उपयोगिता भी बढ़ाई जाएगी.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com