शनिवार को दिल्ली एम्स की एक इमारत में लगी आग से अफरा-तफरी मच गई. राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. इस पूरी घटना के बीच डॉक्टरों से जुड़ी एक बेहद सकारात्मक जानकारी भी सामने आई है, जिसे जानकर हर कोई एम्स के डॉक्टरों की तारीफ कर रहा है. दरअसल जिस वक्त एम्स में आग बुझाने की कवायद चल रही थी, उसी वक्त डॉक्टरों की सूझबूझ की वजह से दो बच्चों को इस दुनिया में लाया गया. आग की लपटों और धुएं के बीच डॉक्टरों ने जिन दो बच्चों का जन्म कराया है, उनमें एक लड़का और दूसरी लड़की है. हादसे की वजह से आंख के ऑपरेशन थियेटर में उनकी डिलेवरी कराई गई है. सबसे अहम और महत्वपूर्ण बात ये थी कि आग की अफरा-तफरी के बीच जो डॉक्टर्स बच्चों को जन्म दिला रहे थे, उनकी ड्यूटी नहीं थी. उन्होंने जानकारी मिलने के बाद खुद आगे आकर डिलेवरी कराई.
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बता दें कि शनिवार की शाम दिल्ली एम्स की इमारत में आग लग गई. पहली मंजिल पर लगी आग, वक्त के साथ विकराल रूप धारण करती जा रही थी और धीरे-धीरे तीसरी मंजिल तक पहुंच गई. यह आग अस्पताल के उस हिस्से में लगी थी जहां मरीजों का इलाज नहीं होता है, लिहाजा जान का नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन टीचिंग ब्लॉक में रखा सामान जलकर खाक हो गया. कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका गया.
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दिल्ली स्थित एम्स को भारत के चुनिंदा सुविधाजनक अस्पतालों में गिना जाता है. देश की राजधानी के इस अस्पताल में आमजनों के साथ-साथ का आना-जाना दिग्गज हस्तियों का भी आना जाना लगा रहता है. शनिवार को जब अस्पताल में आग लगी तो वहां पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का इलाज चल रहा था. ऐसे में अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में खड़ा हो गया है.
Video: बड़ी मशक्कत के बाद बुझाई गई दिल्ली एम्स में लगी आग
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