हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg) की नई रिपोर्ट में किए गए दावों पर अदाणी ग्रुप और सेबी ने गहरी आपत्ति जताई है. जानकारों ने भी रिपोर्ट को तथ्यहीन बताया है. एनडीटीवी से बात करते हुए बाजार विशेषज्ञ अमन चुग ने कहा कि जियो पॉलिटिकल और इकोनॉमिकल टर्बुलेंस है. उसे अगर आप साथ में लिंक करोगे तो आपको समझ में आ जाएगा कि समस्या क्या है. विश्व स्तर पर जो पैसों का फ्लो होता है वो अमेरिका चाहता है कि वो उसकी तरफ ज्यादा रहे. लेकिन हाल के दिनों में एफडीआई का फ्लो हिंदुस्तान की तरफ बढ़ा है. 2005 से लेकर 2008 तक यह फ्लो चीन की तरफ था. 2016 के बाद इसमें गिरावट हुई और 2020 के बाद अब चीन से भी फ्लो हिंदुस्तान की तरफ हो रहा है.
अदाणी पर हमले का एक और कारण है कि उसके ऊपर होने वाले हमलों से सप्लाई चेन पर असर हो सकता है. अदाणी के पोट्स का होना अमेरिका के लिए एक चुनौती है. यही तीन कारण हैं जिस कारण से यह हमले हो रहे हैं. ऐसे हालत में हमें अपनी सरकार पूरा विश्वास होना चाहिए.
अमन चुग-अमेरिकी कंपनियां जानबूझकर भारत को कर रहीं टारगेट?#AdaniGroup | #HindenburgReport | #SEBI pic.twitter.com/0pQozqgZJg
— NDTV India (@ndtvindia) August 11, 2024
SEBI चीफ और अदाणी ग्रुप ने आरोप को बताया गलत
हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट को SEBI की चेयरपर्सन और अदाणी ग्रुप ने आधारहीन करार दिया है. SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने इसे चरित्रहनन की कोशिश बताया. उन्होंने और उनके पति धवल बुच ने ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा, 'हमारी जिंदगी और हमारे फाइनेंस एक खुली किताब हैं, हमने SEBI को समय-समय पर सारे डिस्क्लोजर दिए हैं.'
वहीं अदाणी ग्रुप ने कहा है कि शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग अपने फायदे के लिए फिर से झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रहा है. जिन आरोपों को मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट से खारिज कर दिया गया था, हिंडनबर्ग उनकी ही रीसाइक्लिंग कर रहा है और पहले से तय निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पब्लिक में मौजूद जानकारी का गलत उपयोग कर रहा है. इतना ही नहीं हिंडनबर्ग तथ्यों और नियमों की अवमानना भी कर रहा है.
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