उत्तर प्रदेश के अमेठी में थाने में हिरासत के दौरान मौत के आरोप में पूरे पीपरपुर थाने और एसओजी की टीम के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. थाने के पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि बैंक मैनेजर से 26 लाख रुपये के लूट के मामले में ऑटो पार्ट्स व्यापारी सत्य प्रकाश शुक्ला को घर से पुलिस ने उठाया और उनकी थाने में जमकर पिटाई की और कुछ खिला दिया जिससे उनकी मौत हो गई. मृतक के भाई ओम प्रकाश शुक्ला ने कहा कि 28 और 29 तारीख की रात के करीब 3 बजे पुलिस उनके भाई को घर का दरवाजा तोड़कर उठाया और घरवालों से भी गाली-गलौज की.
ओम प्रकाश ने बताया, 'पुलिसकर्मियों ने मेरा मोबाइल छीन लिया और भाई, उसके बेटों को बिना वजह बताए उठा ले गए. जहां पुलिस की मार से भाई की मौत हो गई'. वहीं पहले एसपी ख्याति गर्ग ने हिरासत में मौत की बात को नकार दिया और कहा कि पहली नजर में मौत जहर की वजह से होने की बात सामने आ रही है. लेकिन मामले को तूल पकड़ने के बाद पूरा थाना और एसओजी टीम पर हत्या का मुकदमा कायम करना पड़ा.
इसके बाद एसपी ख्याति गर्ग ने कहा कि पोस्टमॉर्टम में मौत की वजह साफ नहीं हुई है और विसरा जांच के लिए भेजा गया है. इस मामले में राजनीतिक दलों की भी तीखी प्रक्रिया हुई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पिटाई से हुई मौत को छिपाने की कोशिश हो रही है. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सत्य प्रकाश शुक्ला को उनके बेटों के सामने मारा गया. इसके पहले हापुड़ में भी इसी तरह की घटना हुई है. लेकिन पुलिस के कानों में जूं नहीं रेंग रहा है.
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