सियालकोट में एक फिदायीन दस्ता तैयारी कर बैठा हुआ है और कठुआ के जरिये घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। रॉ के इस इनपुट के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
उधर, मल्टी एजेंसी सेंटर में जहां ओबामा से जुड़े सभी खतरों की समीक्षा की जा रही है, उसने भी जानकारी दी है कि करीब 30 लॉन्चिंग पैड्स लाइन ऑफ़ कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर पर एक्टिव किए जा चुके हैं और लश्कर पूरी कोशिश कर रहा है कि वह घुसपैठ कर हमले को कामयाब बना सके।
एक सीनियर अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि ये आतंकी अपने बंकर्स में एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होते रहते हैं और जहां से मौका मिले, वहां से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं।
तकनीकी इंटरसेप्ट्स के जरिये आंका जा रहा है कि घुसपैठ करने की फिराक में जो आतंकी बैठे हैं, उनकी संख्या 100 के आसपास है और सियालकोट में जो दस्ता कोशिश कर रहा है, उसमें पांच से छह आतंकी बताये जा रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि यूनिफाइड हेड क्वार्टर्स की मीटिंग में इस बात पर चर्चा की गई कि कैसे उन आतंकियों तक पहुंचा जाए, जो घाटी में मौजूद हैं। तकरीबन 150 से 180 आतंकी घाटी में सक्रिय हैं और 20 के आसपास जम्मू के पुंछ और राजौरी इलाके में, 13 लोग नॉर्थ और साउथ कश्मीर में हैं।
आतंकी इंटरनेशनल बॉर्डर पर कोहरे का फायदा उठा रहे हैं और घाटी में अभी ज्यादा बर्फबारी नहीं हुई है इसलिए घाटियों और छोटी नदियों के ज़रिये भी घुसपैठ कर सकते हैं इसीलिए चौकसी सिर्फ न इंटरनेशनल बॉर्डर बल्कि लाइन ऑफ कंट्रोल पर भी बड़ा दी गई है।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी के राजेंद्र के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अलर्ट है और वह सेंट्रल एजेंसी से लगातार संपर्क में है। सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं, तभी सिनर्जी लेवल इतना हाई है और पिन प्वाइंटेड ऑपरेशंस हो रहे हैं।
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