
अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में एक नया मोड़ आया है. लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाले बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के ब्लैक बॉक्स को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसके कारण भारत में डेटा निकालना असंभव हो गया है. सूत्रों के अनुसार, ब्लैक बॉक्स को अब विश्लेषण के लिए अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) की वाशिंगटन प्रयोगशाला में भेजा जाएगा.
274 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई
12 जून, 2025 को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के 36 सेकंड बाद ही एयर इंडिया की उड़ान AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में 241 यात्री और चालक दल के 10 सदस्यों सहित 274 लोग मारे गए. विमान पास के मेघानी नगर के एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और आवासीय इमारतों से टकरा गया था. हादसे से पहले पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने मेडे कॉल जारी किया था, जो हादसे का आखिरी संदेश था.
घटना के 2 दिन बाद बरामद हुआ था ब्लैक बॉक्स
जांच के लिए महत्वपूर्ण कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर), जिन्हें सामूहिक रूप से ब्लैक बॉक्स कहा जाता है, को हादसे के दो दिन बाद मलबे से बरामद किया गया. हालांकि, क्रैश के बाद लगी आग और भारी क्षति के कारण इनका डेटा भारत में निकालना संभव नहीं हुआ. विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लैक बॉक्स से उड़ान के अंतिम क्षणों, जैसे ऊंचाई, गति और कॉकपिट में हुई बातचीत की जानकारी मिल सकती है, जो हादसे का कारण जानने में महत्वपूर्ण होगी.
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन और बोइंग के विशेषज्ञ भी शामिल हैं. एनटीएसबी की मदद से डेटा निकालने की प्रक्रिया में भारतीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे ताकि प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित हो.
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