‘अग्निपथ' योजना (Agnipath Yojna) को लेकर कम से कम पांच दिन तक चले हिंसक प्रदर्शनों के बाद रेलवे (Railways) का परिचालन पटरी पर लौटता दिख रहा है. मंगलवार को 300 से कम ट्रेनें रद्द की गईं. योजना के ऐलान के बाद भड़के हिंसक प्रदर्शनों (Protest) के बाद से ही रोज़ाना औसतन करीब 400 ट्रेन रद्द की जा रही थीं, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने डिब्बे जला दिए थे और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. मंगलवार को रेलवे ने 270 रेल गाड़ियों को रद्द किया जिनमें 103 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें और 167 यात्री ट्रेन शामिल हैं. उसने तीन मेल/एक्सप्रेस ट्रेन को आंशिक रूप से रद्द भी किया है.
रेलवे ने सोमवार को कहा था कि उसने प्रदर्शन के कारण 600 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया है. इसने रविवार को 483 ट्रेन और शनिवार को 369 ट्रेन रद्द कीं थी. उल्लेखनीय है कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ' योजना की 14 जून को घोषणा की थी. इसके तहत साढ़े 17 साल से 21 वर्ष आयु तक के युवाओं की चार साल की अल्प अवधि के लिए संविदा आधार पर भर्ती की जाएगी. इनमें से 25 फीसदी को 15 और वर्षों को लिए सेवा में रखा जाएगा. अन्य को बिना ग्रैज्युटी और पेंशन लाभ के सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा.
इसके बाद से ही देश भर में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. रेल मंत्रालय ने उसे हुए नुकसान का अभी अनुमान नहीं लगाया है, जबकि सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र पूर्व मध्य रेलवे के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि सिर्फ इस क्षेत्र में 60 से अधिक कोच और 10 इंजन क्षतिग्रस्त हुए हैं.
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