हालात को देखते हुए चूरू और नागौर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं (फाइल फोटो)
जयपुर:
बीते शनिवार को पुलिस मुठभेड में मारे गए कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के शव का चूरू के सरकारी अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस शुक्रवार को दोबारा पोस्टमार्टम किया गया.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, चूरू जिले की रतनगढ़ की एक अदालत के आदेश पर पुलिस ने आनंदपाल सिंह के शव को कड़ी सुरक्षा प्रबंध के बीच रतनगढ़ से लेकर चूरू लाकर डाक्टरों के दल ने पोस्टमार्टम किया. उन्होंने कहा कि अदालत ने उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश के तहत जिला स्तरीय अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाने के आदेश दिए थे, क्योंकि पहले जहां पोस्टमार्टम हुआ था, वह जिला स्तरीय अस्पताल नहीं था.
इस मामले में पुलिस पहले ही परिजनों को अन्तिम संस्कार के लिए शव लेने का अनुरोध चुकी है, नहीं तो पुलिस कानून के आधार पर पुलिस अपने स्तर पर अन्तिम संस्कार कर देगी. नागौर जिला प्रशासन ने लाडनूं कस्बे और चूरू में उपखंड स्तर पर संभावित तनाव को देखते हुए एहतियात के तौर पर इंटरनेट, मोबाइल सेवाओं पर रोक लगा दी है.
इधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राजस्थान सरकार ने आनंदपाल मुठभेड प्रकरण की राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जांच करवाने या केन्द्रीय जांच ब्यूरों से जांच करवाने या फिर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायधीश की निगरानी में सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है.
जितेंद्र सिंह ने जारी बयान में कहा कि जब समस्त समाज व उनके परिवार के लोग सरकार पर यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार के इशारे पर पुलिस ने आनंदपाल की धोखे से हत्या की है.
गौरतलब है कि मुठभेड में मारे गए आनंदपाल सिंह के परिजन इस मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरों से जांच करवाने समेत सात सूत्रीय मांग पत्र पेश कर कहा कि इसको स्वीकार किए बिना शव नहीं उठाएंगे. बता दें कि सीबीआई से जांच की मांग को लेकर नागौर में राजपूत समुदाय ने शुक्रवार को धरना-प्रदर्शन किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, चूरू जिले की रतनगढ़ की एक अदालत के आदेश पर पुलिस ने आनंदपाल सिंह के शव को कड़ी सुरक्षा प्रबंध के बीच रतनगढ़ से लेकर चूरू लाकर डाक्टरों के दल ने पोस्टमार्टम किया. उन्होंने कहा कि अदालत ने उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश के तहत जिला स्तरीय अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाने के आदेश दिए थे, क्योंकि पहले जहां पोस्टमार्टम हुआ था, वह जिला स्तरीय अस्पताल नहीं था.
इस मामले में पुलिस पहले ही परिजनों को अन्तिम संस्कार के लिए शव लेने का अनुरोध चुकी है, नहीं तो पुलिस कानून के आधार पर पुलिस अपने स्तर पर अन्तिम संस्कार कर देगी. नागौर जिला प्रशासन ने लाडनूं कस्बे और चूरू में उपखंड स्तर पर संभावित तनाव को देखते हुए एहतियात के तौर पर इंटरनेट, मोबाइल सेवाओं पर रोक लगा दी है.
इधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राजस्थान सरकार ने आनंदपाल मुठभेड प्रकरण की राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जांच करवाने या केन्द्रीय जांच ब्यूरों से जांच करवाने या फिर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायधीश की निगरानी में सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है.
जितेंद्र सिंह ने जारी बयान में कहा कि जब समस्त समाज व उनके परिवार के लोग सरकार पर यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार के इशारे पर पुलिस ने आनंदपाल की धोखे से हत्या की है.
गौरतलब है कि मुठभेड में मारे गए आनंदपाल सिंह के परिजन इस मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरों से जांच करवाने समेत सात सूत्रीय मांग पत्र पेश कर कहा कि इसको स्वीकार किए बिना शव नहीं उठाएंगे. बता दें कि सीबीआई से जांच की मांग को लेकर नागौर में राजपूत समुदाय ने शुक्रवार को धरना-प्रदर्शन किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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