लद्दाख क्षेत्र में बने गतिरोध के बीच चीन की सेना ने फ्लैग मीटिंग करने की पेशकश की है। वहीं भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा के उस इलाके पर चौकसी बनाए हुए है, जहां चीनी सैनिकों ने पिछले 10 दिन से घुसपैठ कर रखी है।
सेना के सूत्रों ने यहां बताया कि चीन ने फ्लैग मीटिंग का आग्रह किया है और इस पर गौर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर सेना नजर रखे हुए है और आस-पास के इलाकों में तैनात सेना की टुकड़ियों को भी सतर्क रहने को कहा गया है।
पिछले 10 दिनों में दो फ्लैग बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन उनमें संकट का समाधान करने में कोई प्रगति नहीं हुई। इस गतिरोध की पृष्ठभूमि में सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने भूटान की अपनी चार दिवसीय यात्रा को कल रद्द कर दिया।
चीनी सैनिकों ने क्षेत्र में अपने तंबू गाड़ लिए हैं और चीन के हेलिकॉप्टरों को सैनिकों के लिए फूड पैकेट गिराते देखा गया है। इन हैलिकॉप्टरों ने हालांकि भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन नहीं किया। गिराए गए फूड पैकेट को बाद में जन मुक्ति सेना (पीएलए) के कर्मियों ने एकत्र किया।
क्षेत्र में रविवार को तनाव उस समय उत्पन्न हुआ जब अपने क्षेत्र में एक सड़क निर्माण कर रहे कुछ चीनी श्रमिक भारतीय इलाके में घुस आए और दावा किया कि उन्हें आदेश मिले हैं कि वे भारतीय क्षेत्र के 5 किलोमीटर भीतर तिबले तक निर्माण कार्य करें।
पिछले साल दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) में चुमार क्षेत्र एक पखवाड़े तक गतिरोध का बिंदु बना रहा था, जब चीन ने भारतीय क्षेत्र में ओवरहेड बंकर बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी।
अप्रैल-मई 2013 में डीबीओ में आयोजित फ्लैग मीटिंग में हुए समझौते से वह गतिरोध समाप्त हुआ था और भारत ने चुमार क्षेत्र में कुछ ओवरहेड बंकरों को हटा लिया था।
इस साल सर्दियों में चीनी सैनिकों ने घोड़ों पर सवार होकर क्षेत्र में घुसने की कोशिश की थी। यह क्षेत्र चीनी सैनिकों की ओर से अक्सर घुसपैठ के प्रयासों का गवाह रहा है।
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