मुंबई:
आदर्श इमारत को भ्रष्टाचार बताने के पीछे पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह की साजिश है, यह आरोप है आदर्श सोसाइटी का।
बॉम्बे हाई कोर्ट में दिए एक हलफनामे में आदर्श सोसाइटी के लोगो ने आरोप लगाया कि वीके सिंह ने अपने सेना प्रमुख के कार्यकाल के दौरान ही साजिश रची।
सोसाइटी ने आरोप लगाया कि सेना में चल रही दुश्मनी के चलते ही सिंह ने इस साजिश को अंजाम दिया। सोसाइटी ने अपना हलफनामा रक्षा मंत्रालय के उस याचिका के चलते दी है जिसमे सेना ने सीबीआई जांच का समर्थन किया है।
हलफनामे में दावा किया गया है कि वीके सिंह ने साल 2010 में जैसे ही सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला वैसे ही सेना के कुछ आला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जिन्होंने सोसाइटी में फ्लैट लिया था।
सेना प्रमुख का कार्यभार संभालते ही वीके सिंह ने सदर्न कमांड को पत्र लिखकर आदर्श के बारे में पूरी जानकारी इक्कठा करने का आदेश दिया।
सोसाइटी ने आरोप लगाए कि वीके सिंह ने यह काम सिर्फ पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर के साथ अपनी दुश्मनी के चलते किा है जिसके चलते सोसाइटी और उसके सदस्यों की बदनामी हुई।
अपने जवाब में सोसाइटी ने कहा कि सदर्न कमांड के अधिकारियो ने वीके सिंह के आदेश के जवाब में एक पत्र लिखकर बताया की आदर्श सोसाइटी की जांच साल 2003 और 2004 में ही हो चुकी है और उसकी फिर से जांच करवाना सही नहीं होगा।
तत्कालीन डिफेंस इस्टेट अधिकारी ने भी सेना मुख्यालय को पत्र लिखकर आदर्श जमीन का मालिकाना हकदार राज्य सरकार को बताया और कहा कि ये जमीन कोलाबा मिलिटरी स्टेशन के बाहर है।
फिलहाल मामला हाईकोर्ट के सामने तीन अगस्त को सुनवाई के लिए है जहां अदालत इस बात का फैसला करेगी कि क्या आदर्श घोटाले की जांच सीबीआई कर सकती है या नहीं।
बॉम्बे हाई कोर्ट में दिए एक हलफनामे में आदर्श सोसाइटी के लोगो ने आरोप लगाया कि वीके सिंह ने अपने सेना प्रमुख के कार्यकाल के दौरान ही साजिश रची।
सोसाइटी ने आरोप लगाया कि सेना में चल रही दुश्मनी के चलते ही सिंह ने इस साजिश को अंजाम दिया। सोसाइटी ने अपना हलफनामा रक्षा मंत्रालय के उस याचिका के चलते दी है जिसमे सेना ने सीबीआई जांच का समर्थन किया है।
हलफनामे में दावा किया गया है कि वीके सिंह ने साल 2010 में जैसे ही सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला वैसे ही सेना के कुछ आला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जिन्होंने सोसाइटी में फ्लैट लिया था।
सेना प्रमुख का कार्यभार संभालते ही वीके सिंह ने सदर्न कमांड को पत्र लिखकर आदर्श के बारे में पूरी जानकारी इक्कठा करने का आदेश दिया।
सोसाइटी ने आरोप लगाए कि वीके सिंह ने यह काम सिर्फ पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर के साथ अपनी दुश्मनी के चलते किा है जिसके चलते सोसाइटी और उसके सदस्यों की बदनामी हुई।
अपने जवाब में सोसाइटी ने कहा कि सदर्न कमांड के अधिकारियो ने वीके सिंह के आदेश के जवाब में एक पत्र लिखकर बताया की आदर्श सोसाइटी की जांच साल 2003 और 2004 में ही हो चुकी है और उसकी फिर से जांच करवाना सही नहीं होगा।
तत्कालीन डिफेंस इस्टेट अधिकारी ने भी सेना मुख्यालय को पत्र लिखकर आदर्श जमीन का मालिकाना हकदार राज्य सरकार को बताया और कहा कि ये जमीन कोलाबा मिलिटरी स्टेशन के बाहर है।
फिलहाल मामला हाईकोर्ट के सामने तीन अगस्त को सुनवाई के लिए है जहां अदालत इस बात का फैसला करेगी कि क्या आदर्श घोटाले की जांच सीबीआई कर सकती है या नहीं।
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