Adani ग्रुप ने 20,000 करोड़ का दिया हिसाब, फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट को बताया गलत

अदाणी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स को एक चिट्ठी लिखकर बताया है कि किसी बेनामी विदेशी कंपनी से निवेश नहीं हुआ, बल्कि प्रमोटरों ने दो कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर जो पैसा जुटाया वही नई कंपनियों में लगाया

अदाणी ग्रुप ने बेनामी कंपनियों के निवेश को लेकर फाइनेंशियल टाइम्स की 22 मार्च 2023 रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है. फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि 2017 से 2022 के बीच ग्रुप में विदेशी बेनामी कंपनियों के जरिए 20 हजार करोड़ रुपये निवेश किए गए. अब अदाणी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स को लिखी एक चिट्ठी सार्वजनिक की है, जिसमें उसने बताया है कि क्यों ये रिपोर्ट गलत है और कैसे इसके रिपोर्टरों ने जानबूझकर तथ्यों की अनदेखी की. ग्रुप ने कहा है कि दरअसल कंपनी के प्रमोटरों ने ग्रुप की दो कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर जो पैसा कमाया, वही पैसा ग्रुप की नई कंपनियों में लगाया.

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट पर अदाणी ग्रुप को हम दो हिस्सों में समझ सकते हैं.

1.
अदाणी ग्रुप ने लिखा है कि 18 जनवरी 2021 और 23 जनवरी 2021 को सार्वजनिक किया गया था कि अदाणी ग्रुप के प्रमोटर्स ने अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) में 20% हिस्सेदारी फ्रांस की टोटल एनर्जीज को बेचकर 2 बिलियन डॉलर यानी करीब 16 हजार करोड़ रुपये जुटाए थे. इस रिपोर्ट को फाइनेंशियल टाइम्स ने उस समय छापा था, लेकिन 22 मार्च 2023 की स्टोरी में बिल्कुल अनदेखा कर दिया. इसके बाद अक्टूबर 2019 में प्रमोटर्स ने अदाणी टोटल गैस में 37.4% हिस्सेदारी बेचकर 700 मिलियन डॉलर यानी करीब 5 हजार करोड़ रुपये जुटाए. ये भी अदाणी ग्रुप की प्रेस रिलीज में बताया गया था. एक बार फिर फाइनेंशियल टाइम्स ने इसको जानबूझकर अनदेखा किया, जबकि पहले वो इस खबर को छाप चुके थे.

इन फंड्स को प्रमोटर्स की कंपनियों, नए बिजनेस को सपोर्ट और उनकी ग्रोथ और पोर्टफोलियो कंपनियों में निवेश किया गया. जिसमें अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स और अदाणी स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी पावर शामिल हैं.

अदाणी ग्रुप ने लिखा कि अदाणी परिवार ने AGEL इक्विटी में अतिरिक्त खरीदारी करने और शेयरहोल्डर लोन और दूसरी सिक्योरिटीज के जरिए AGEL को सपोर्ट देने के लिए सेकेंडरी मार्केट में बिक्री से आए रिटर्न को लगाया और इसकी जानकारी सार्वजनिक रूप से मौजूद है.

अदाणी ग्रुप ने फाइनेंशियल टाइम्स को लिखा कि - आपकी स्टोरी ने प्राइमरी और सेकेंडरी निवेशों में घालमेल कर दिया और 2 बिलियन डॉलर के लेन-देन को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया और ये सबकुछ इसलिए किया गया कि रिपोर्टर्स अपनी कथित 'राउंड ट्रिपिंग' की 'पहले से तय थीसिस' को साबित कर पाएं.

2.

FT ने खुद को ही गलत साबित किया
अदाणी ग्रुप ने अपने जवाब में ये भी लिखा है कि रिपोर्ट ने कई जगह पर खुद को भी गलत साबित किया है. उदाहरण के तौर पर रिपोर्ट में लिखा गया है कि 'ग्रुप को FDI दे रही कई विदेशी शेल कंपनियां अदाणी प्रमोटर्स ग्रुप का हिस्सा हैं, मतलब वो अदाणी या उनके परिवार से बेहद नजदीकी तौर पर जुड़ी हैं.'

इसके तुरंत बाद रिपोर्ट कहती है कि 'एनालिस्ट्स का कहना है कि मॉरीशस की अज्ञात संस्थाओं से पैसा आना चिंताजनक था क्योंकि ये पता लगाना असंभव था कि फंड "राउंडट्रिप" किया गया था या नहीं.'

अदाणी ग्रुप ने पूछा है कि ये विदेशी कंपनियां अगर प्रमोटरों से जुडी हैं तो फिर अज्ञात कैसे हो गईं?

अदाणी ग्रुप ने अपने जवाब में लिखा है कि ये सारी जानकारियां सुलभ और सार्वजनिक हैं और संबंधित रेगुलेटरी फाइलिंग में हैं.

अदाणी ग्रुप ने इस चिट्ठी में ये भी लिखा है कि चूंकि इस स्टोरी के कारण ग्रुप की साख को नुकसान हुआ है इसलिए इस स्टोरी को फाइनेंशियल टाइम्स हटाएं. ग्रुप ने ये भी साफ किया है कि क्यों उसे ये चिट्ठी सार्वजनिक करनी पड़ी. ग्रुप ने कहा है कि इस खबर का बाजार पर असर पड़ा है और अब ये सियासी मुद्दा भी बन गया है.

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बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार पूछ रहे हैं कि अदाणी ग्रुप में 20,000 करोड़ रुपये किसने लगाए? माना जाता है कि राहुल के सवाल का आधार यही रिपोर्ट है. लेकिन अब अदाणी ग्रुप ने अपनी ओर से इस निवेश को लेकर उठ रहे भ्रम को साफ करने की कोशिश की है.



(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)