रणदीप हुड्डा.(फाइल फोटो)
रामजस कॉलेज विवाद के बाद चर्चा में आई गुरमेहर कौर के एक वीडियो पर वीरेंद्र सहवाग के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देने वाले एक्टर रणदीप हुड्डा ने अब इस मसले पर अपनी सफाई दी है. दरअसल सोशल मीडिया का एक तबका वीरू के साथ-साथ हुड्डा की भी आलोचना कर रहा है. दरअसल हुड्डा की आलोचना करने वाले लोगों का कहना है कि उनकी प्रतिक्रिया गुरमेहर कौर की ट्रोलिंग करने वालों के पक्ष में थी. इससे आहत रणदीप ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिये अपने दिल की बात कही है.
इसमें उन्होंने कहा है, ''महज एक मजाक के लिए उनको फांसी पर नहीं लटकाना चाहिए. वीरू ने एक मजाक किया था और उस पर हंसने की बात मैं स्वीकार करता हूं. वह बेहद ही गुदगुदाने वाले शख्स हैं और यह उनकी लाखों बातों में से एक है जिस पर मैं हंसा था. बस इतनी सी बात है. लेकिन अब मैं हैरान हूं कि मुझे एक युवती के खिलाफ नफरत भड़काने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. वह लड़की भी ऐसा ही मानती है. यह पूरी तरह से गलत है. हमारी यह बिल्कुल भावना नहीं थी और हमारे ट्वीट उसके प्रति घृणा का प्रसार करने के मामले में कतई कोई स्रोत नहीं हैं. उस लड़की ने एक मुद्दे पर अपनी राय रखी. वह जिस चीज में यकीन रखती है, उसके लिए खड़ी हुई. सो उसके अंदर अपने खिलाफ बातों को सुनने का साहस और धैर्य भी होना चाहिए. इस मामले में किसी दूसरे पर अंगुली उठाना (इस केस में मेरे ऊपर) और उनको जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है...मैं उसके खिलाफ बिल्कुल नहीं हूं और पुख्ता तौर पर यकीन करता हूं कि हिंसा गलत है. किसी महिला को हिंसा की धमकी देना और भी गंभीर अपराध है और इस तरह का काम करने वालों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए...''
वहीं दूसरी तरफ लगातार चर्चा में बनी हुई दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा तथा करगिल शहीद की बेटी गुरमेहर कौर ने कहा है कि पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के ट्वीट के बाद उनका दिल टूट गया है. उन्होंने यह भी कहा कि वह अभियान से खुद को अलग कर रही हैं.
NDTV के शो 'लेफ्ट, राइट एंड सेंटर' के दौरान गुरमेहर कौर ने कहा, "(वीरेंद्र) सहवाग का ट्वीट देखकर मेरा दिल टूट गया... मैं बचपन से उन्हें खेलते हुए देखती आ रही हूं..." दरअसल, गुरमेहर ने एक पोस्ट में कहा था कि वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए उसके पिता को पाकिस्तान ने नहीं, युद्ध ने मारा था, और कथित रूप से इसी पोस्ट के जवाब में वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया था - 'मैंने दो तिहरे शतक नहीं जड़े, मेरे बल्ले ने जड़े थे...'
अब मंगलवार को गुरमेहर कौर ने फेसबुक पर लिखा है, "मैं कैम्पेन से खुद को अलग कर रही हूं... सभी को बधाई... मैं जो कहना चाहती थी, कह चुकी हूं... मैंने बहुत कुछ सहा है, और 20 साल की उम्र में इतना ही मैं सह सकती थी... यह कैम्पेन मेरे बारे में नहीं, विद्यार्थियों के बारे में था... कृपया बड़ी संख्या में इसमें शिरकत करें... सभी को शुभकामनाएं... मेरी बहादुरी और हिम्मत पर सवाल उठाने वाले किसी भी शख्स से कहना चाहूंगी, मैं काफी बहादुरी दिखा चुकी हूं... यह तय है कि किसी को भी धमकियां देने या हिंसा का रास्ता अपनाने से पहले अब हम कम से कम दो बार सोचेंगे ज़रूर... मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि मुझे अकेला छोड़ दिया जाए..."
गुरमेहर कौर ने यह आरोप भी लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से उन्हें रेप की धमकियां दी गई, क्योंकि कुछ समय पहले उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में युद्ध की मुखालफत करते हुए वीडियो पोस्ट किया था, और इसी वीडियो में उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के लिए पाकिस्तान को नहीं, युद्ध को दोषी ठहराया था.
@virendersehwaghttps://t.co/IcxuewcPMP
— Randeep Hooda (@RandeepHooda) February 26, 2017
इसमें उन्होंने कहा है, ''महज एक मजाक के लिए उनको फांसी पर नहीं लटकाना चाहिए. वीरू ने एक मजाक किया था और उस पर हंसने की बात मैं स्वीकार करता हूं. वह बेहद ही गुदगुदाने वाले शख्स हैं और यह उनकी लाखों बातों में से एक है जिस पर मैं हंसा था. बस इतनी सी बात है. लेकिन अब मैं हैरान हूं कि मुझे एक युवती के खिलाफ नफरत भड़काने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. वह लड़की भी ऐसा ही मानती है. यह पूरी तरह से गलत है. हमारी यह बिल्कुल भावना नहीं थी और हमारे ट्वीट उसके प्रति घृणा का प्रसार करने के मामले में कतई कोई स्रोत नहीं हैं. उस लड़की ने एक मुद्दे पर अपनी राय रखी. वह जिस चीज में यकीन रखती है, उसके लिए खड़ी हुई. सो उसके अंदर अपने खिलाफ बातों को सुनने का साहस और धैर्य भी होना चाहिए. इस मामले में किसी दूसरे पर अंगुली उठाना (इस केस में मेरे ऊपर) और उनको जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है...मैं उसके खिलाफ बिल्कुल नहीं हूं और पुख्ता तौर पर यकीन करता हूं कि हिंसा गलत है. किसी महिला को हिंसा की धमकी देना और भी गंभीर अपराध है और इस तरह का काम करने वालों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए...''
वहीं दूसरी तरफ लगातार चर्चा में बनी हुई दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा तथा करगिल शहीद की बेटी गुरमेहर कौर ने कहा है कि पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के ट्वीट के बाद उनका दिल टूट गया है. उन्होंने यह भी कहा कि वह अभियान से खुद को अलग कर रही हैं.
NDTV के शो 'लेफ्ट, राइट एंड सेंटर' के दौरान गुरमेहर कौर ने कहा, "(वीरेंद्र) सहवाग का ट्वीट देखकर मेरा दिल टूट गया... मैं बचपन से उन्हें खेलते हुए देखती आ रही हूं..." दरअसल, गुरमेहर ने एक पोस्ट में कहा था कि वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए उसके पिता को पाकिस्तान ने नहीं, युद्ध ने मारा था, और कथित रूप से इसी पोस्ट के जवाब में वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया था - 'मैंने दो तिहरे शतक नहीं जड़े, मेरे बल्ले ने जड़े थे...'
अब मंगलवार को गुरमेहर कौर ने फेसबुक पर लिखा है, "मैं कैम्पेन से खुद को अलग कर रही हूं... सभी को बधाई... मैं जो कहना चाहती थी, कह चुकी हूं... मैंने बहुत कुछ सहा है, और 20 साल की उम्र में इतना ही मैं सह सकती थी... यह कैम्पेन मेरे बारे में नहीं, विद्यार्थियों के बारे में था... कृपया बड़ी संख्या में इसमें शिरकत करें... सभी को शुभकामनाएं... मेरी बहादुरी और हिम्मत पर सवाल उठाने वाले किसी भी शख्स से कहना चाहूंगी, मैं काफी बहादुरी दिखा चुकी हूं... यह तय है कि किसी को भी धमकियां देने या हिंसा का रास्ता अपनाने से पहले अब हम कम से कम दो बार सोचेंगे ज़रूर... मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि मुझे अकेला छोड़ दिया जाए..."
गुरमेहर कौर ने यह आरोप भी लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से उन्हें रेप की धमकियां दी गई, क्योंकि कुछ समय पहले उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में युद्ध की मुखालफत करते हुए वीडियो पोस्ट किया था, और इसी वीडियो में उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के लिए पाकिस्तान को नहीं, युद्ध को दोषी ठहराया था.
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