जम्मू कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो आतंकवादियों को कथित तौर पर अपनी गाड़ी में बैठाकर लाने के लिए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए थे. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि चालक बिलाल अहमद वागे और उसके सहायक इश्फाक चोपान को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले से पकड़ा गया. इससे पहले पुलिस ने मुठभेड़ के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था तथा एक अन्य को हिरासत में लिया था.
वागे और चोपान पर पश्तो भाषा बोलने वाले जेईएम के दो आतंकवादियों को मुठभेड़ से एक दिन पहले सांबा जिले के सुपवाल से जम्मू में सुंजवां तक लाने का आरोप है. ये आतंकवादी सीमा पार करके पाकिस्तान या अफगानिस्तान से आए थे.दोनों आतंकवादी आत्मघाती जैकेट पहने हुए थे और आधुनिक हथियारों से लैस थे, इन्हें शुक्रवार को मुठभेड़ में मार गिराया गया था और शहर में एक बड़ा फिदायीन हमला रोक दिया गया.
आतंकवादियों ने मुठभेड़ से पहले एक बस पर भी हमला किया, जिसमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक सहायक सब-इंस्पेक्टर की मौत हो गयी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू कश्मीर के सांबा जिले के प्रस्तावित दौरे से दो दिन पहले हुए इस हमले में दो पुलिसकर्मी समेत नौ सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि वागे और उसका सहायक आतंकवादियों को सुंजवां में छोड़ने के बाद कश्मीर के लिए रवाना हो गए थे.
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘उन्हें शनिवार को कोकेरनाग से देर रात चलाए अभियान में गिरफ्तार कर लिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है.'' शनिवार शाम को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने मामले में एक सफलता मिलने की घोषणा की थी और कहा था कि दो लोगों को पकड़ा गया है जबकि दो अन्य को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.
मामले में सबसे पहले त्राल के शफीक अहमद शेख को गिरफ्तार किया गया. शेख के खुलासे पर कुलगाम के मलवां गांव के मोहम्मद इकबाल राठेर को हिरासत में लिया गया. आतंकवादी सुंजवां के जलालाबाद इलाके में राठेर के मकान में ही छिपे थे. राठेर को अभी तक मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया है.जम्मू पुलिस प्रमुख ने कहा था, ‘‘मोबाइल टावर डेटा के साथ ही इंटरनेट डेटा के विश्लेषण के बाद दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के बिलाल अहमद बेग (वागे) नामक शख्स पर संदेह पैदा हुआ, जिसने सांबा जिले में सुपवल में सीमा पर से आतंकवादियों को अपने वाहन में बैठाया और उन्हें शेख को सौंपने से पहले जलालाबाद इलाके तक लेकर आया.''
अधिकारियों ने बताया कि शेख का भाई आसिफ मामले में मुख्य साजिशकर्ता है. वह फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. एडीजीपी ने बताया कि शेख और उसका भाई आसिफ जेईएम के आतंकवादियों से संपर्क में थे. सिंह ने कहा, ‘‘आसिफ ने शेख के लिए ‘पागल जमात' नाम से एक टेलीग्राम आईडी बनायी और उसे एक सिम कार्ड के साथ मोबाइल फोन दिया, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान में जेईएम के कमांडर से संपर्क करने के लिए किया जाता था. इस कमांडर की टेलीग्राम आईडी ‘वीर' नाम से है.''
वागे जेईएम कमांडर के निर्देश पर 20 अप्रैल को सुबह 10 बजे कश्मीर के पुलवामा से निकला और शाम को जम्मू पहुंचा. उन्होंने बताया, ‘‘वह ट्रांसपोर्ट नगर में रुका और आधी रात को करीब 12 बजे वह सांबा में सपवाल (सीमा) के लिए निकला और जेईएम के दो आतंकवादियों को गाड़ी में बैठाया. उनके पास मध्यम आकार का ट्रक था जिसमें सब्जियों के खाली क्रेट रखे थे और इन क्रेट्स के बीच में आतंकवादियों के छिपने की जगह बनायी गयी थी.''
एडीजीपी ने बताया कि वे देर रात करीब ढाई बजे सुंजवां के जलालाबाद इलाके में पहुंचे. इसके बाद शेख आतंकवादियों को जलालाबाद में एक घर तक ले गया, जहां वे रुके और उन्होंने सीमा पार अपने आकाओं के साथ अपनी योजनाओं पर चर्चा की. सिंह ने बताया कि उन्हें नजदीकी सुरक्षा अड्डे तक ले जाने और वीवीआईपी दौरे को प्रभावित करने के लिए अधिक से अधिक सैनिकों को निशाना बनाने की योजना थी. वह रविवार को सांबा में प्रधानमंत्री मोदी के पल्ली पंचायत के दौरे का जिक्र कर रहे थे.
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