एक अलग गोरखालैंड राज्य के लिए लड़ने वाले गोरखा नेता बिमल गुरुंग (Bimal Gurung) 3 साल बाद बुधवार को कोलकाता में दिखाई दिए. बंगाल के दार्जिलिंग क्षेत्र में गोरखाओं के लिए राज्य आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बिमल गुरुंग 2017 से लापता थे.
सूत्रों के मुताबिक, उन्हें साल्ट लेक में गोरखा भवन गेस्ट हाउस के बाहर एक कार में देखा गया और 30 मिनट के इंतजार के बाद छोड़ दिया गया.
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) के प्रमुख (गोरखालैंड आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठन) बिमल गुरुंग अपने समर्थकों के साथ कथित तौर पर झड़प में एक पुलिसकर्मी के मारे जाने के बाद सितंबर 2017 से अंडरग्राउंड हो गए थे. उन पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए थे और बंगाल पुलिस ने उनके लिए एक लुकआउट नोटिस जारी किया था.
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