आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से कहा कि वह फिलहाल विधानसभा भंग ना करें, क्योंकि वह शहर में जनसभाएं करके यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि उनकी पार्टी को यहां फिर से सरकार बनानी चाहिए या नहीं।
इस बैठक में केजरीवाल ने जंग से कहा कि पार्टी इस पर विचार कर रही है कि क्या उसे सरकार बनानी चाहिए।
पार्टी से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने इसके साथ ही जंग को एक पत्र सौंपा जिसमें कहा गया है कि आप कई जनसभाएं करके इस मुद्दे पर जनता के विचार जानने का प्रयास करेगी।
आप नेताओं के रुख में यह बदलाव लोकसभा चुनाव में दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाने के पांच दिन बाद आई है। पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के अधिकतर विधायकों ने कांग्रेस के समर्थन से फिर से सरकार बनाने की संभावना तलाश करने का पक्ष लिया था।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए अगले कुछ दिनों में शहर में 'जनमतसंग्रह' कराने की योजना बना रही है।
केजरीवाल और उनके मंत्रिपरिषद ने 14 फरवरी को इस्तीफा देने के बाद विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की थी, ताकि फिर से चुनाव का रास्ता साफ हो सके। चूंकि जंग ने विधानसभा भंग नहीं की थी, इसलिए पार्टी ने उपराज्यपाल के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी थी।
केजरीवाल की जंग से मुलाकात के कुछ घंटे बाद ही कांग्रेस ने कहा कि अगर आप फिर से सरकार बनाने का प्रयास करेगी, तो वह उसे समर्थन नहीं देगी। कांग्रेस ने कहा कि वह ताजा चुनाव को प्राथमिकता देगी।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस किसी भी हाल में केजरीवाल को सरकार बनाने के लिए समर्थन नहीं करेगी, जिसने इससे पहले सत्ता छोड़कर दिल्ली की जनता से 'धोखा' किया था। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यह कांग्रेस का निर्णय है कि हम किसी भी परिस्थिति में आप को समर्थन नहीं देंगे। आप को फिर से समर्थन करने का कोई सवाल नहीं उठता।'
वहीं आप सूत्रों ने कहा कि पार्टी के अधिकतर विधायक तत्काल ताजा चुनाव नहीं चाहते, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर चुनाव अभी हुआ तो वह 'मोदी लहर' में पराजित हो जाएंगे।
आप ने पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था और उसने कांग्रेस के बाहर से समर्थन से सरकार बनायी थी।
वहीं भाजपा ने 70 सदस्यीय विधानसभा में अकाली दल के एक विधायक सहित 32 सीटें जीती थीं। भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 28 हो गई है क्योंकि पार्टी विधायक हषर्वर्धन, रमेश विधूड़ी और परवेश वर्मा ने सांसद चुन लिए गए हैं।
दो दिन पहले ही भाजपा के वरिष्ठ नेता हषर्वर्धन ने कहा था कि पार्टी 'जोड़तोड़' से सरकार बनाने की बजाय ताजा चुनाव को प्राथमिकता देगी।
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