उपराज्यपाल नजीब जंग और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली में सीएम केजरीवाल बनाम एलजी नजीब जंग की लड़ाई नए मोड़ पर आ गई है। जंग ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर डील करने का आरोप लगाया है।
एलजी हाउस की तरफ से शायद पहली बार पत्रकारों को एक 'ऑफ कैमरा ऑन रिकॉर्ड' ब्रीफिंग के लिए बुलाया गया। मीटिंग में एलजी सचिवालय के आला अधिकारियों ने बताया कि 11 सितम्बर 2015 को दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन अपने साथ एक फाइल लेकर आए जिसमे सीएम केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, आप विधायक और कुछ बीजेपी के नेताओं के खिलाफ चल रहे कानूनी मामले वापस लेने के लिए कहा गया था। लिस्ट में ज़्यादातर आप के ही नेताओं के नाम थे
'एलजी ने उठाए थे केस वापस लेने के तरीके पर सवाल'
एलजी हाउस के मुताबिक, जंग ने सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत दूसरे नेताओं पर से इस तरह केस वापस लेने के तरीके पर सवाल उठाए और उस लिस्ट को हरी झंडी देने से मना कर दिया इसलिए केजरीवाल सरकार अब ओमप्रकाश चौटाला पैरोल मामले में आधारहीन आरोप लगा रही है।
एलजी हाउस की ओर से बताया गया है कि 21 अक्टूबर को गृह मंत्री सत्येंद्र जैन जब एलजी से मिलने आए तो फिर उन्होंने कहा कि उनके नेताओं को कोर्ट में पेश होकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसलिए उनके खिलाफ केस वापस लिए जाएं, लेकिन एलजी ने फिर इसे नकार दिया।
चौटाला की पैरोल की फाइल का स्टेट्स पूछा था
मीटिंग के दौरान एलजी ने चौटाला की पैरोल की फाइल का स्टेट्स पूछा था और कहा था कि उनकी याचिका पर फैसला लेने में देरी करना उचित नहीं क्योंकि चौटाला 84 साल के हैं। इस मामले में बिना किसी राजनीतिक भेदभाव एयर मेरिट पर फैसला लिया जाना चाहिए। दिलचस्प ये है कि एलजी हाउस कि बुधवार की प्रेस रिलीज़ में कहा गया था कि चौटाला की पैरोल याचिका 5 अक्टूबर को खारिज हो चुकी है और चौटाला की तरफ से पैरोल के लिए कोई नई याचिका नही आई है, लेकिन एलजी हाउस ने शनिवार को माना कि चौटाला की ओर से मेडिकल आधार पर पैरोल की नई याचिका लगाई गई थी।
एलजी हाउस की तरफ से शायद पहली बार पत्रकारों को एक 'ऑफ कैमरा ऑन रिकॉर्ड' ब्रीफिंग के लिए बुलाया गया। मीटिंग में एलजी सचिवालय के आला अधिकारियों ने बताया कि 11 सितम्बर 2015 को दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन अपने साथ एक फाइल लेकर आए जिसमे सीएम केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, आप विधायक और कुछ बीजेपी के नेताओं के खिलाफ चल रहे कानूनी मामले वापस लेने के लिए कहा गया था। लिस्ट में ज़्यादातर आप के ही नेताओं के नाम थे
'एलजी ने उठाए थे केस वापस लेने के तरीके पर सवाल'
एलजी हाउस के मुताबिक, जंग ने सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत दूसरे नेताओं पर से इस तरह केस वापस लेने के तरीके पर सवाल उठाए और उस लिस्ट को हरी झंडी देने से मना कर दिया इसलिए केजरीवाल सरकार अब ओमप्रकाश चौटाला पैरोल मामले में आधारहीन आरोप लगा रही है।
एलजी हाउस की ओर से बताया गया है कि 21 अक्टूबर को गृह मंत्री सत्येंद्र जैन जब एलजी से मिलने आए तो फिर उन्होंने कहा कि उनके नेताओं को कोर्ट में पेश होकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसलिए उनके खिलाफ केस वापस लिए जाएं, लेकिन एलजी ने फिर इसे नकार दिया।
चौटाला की पैरोल की फाइल का स्टेट्स पूछा था
मीटिंग के दौरान एलजी ने चौटाला की पैरोल की फाइल का स्टेट्स पूछा था और कहा था कि उनकी याचिका पर फैसला लेने में देरी करना उचित नहीं क्योंकि चौटाला 84 साल के हैं। इस मामले में बिना किसी राजनीतिक भेदभाव एयर मेरिट पर फैसला लिया जाना चाहिए। दिलचस्प ये है कि एलजी हाउस कि बुधवार की प्रेस रिलीज़ में कहा गया था कि चौटाला की पैरोल याचिका 5 अक्टूबर को खारिज हो चुकी है और चौटाला की तरफ से पैरोल के लिए कोई नई याचिका नही आई है, लेकिन एलजी हाउस ने शनिवार को माना कि चौटाला की ओर से मेडिकल आधार पर पैरोल की नई याचिका लगाई गई थी।
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