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This Article is From Jul 10, 2020

सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करने की शर्त पर जमानत देने का मामला, SC ने केंद्र-UP सरकार से मांगा जवाब

जमानत देते समय ट्रायल कोर्ट किसी व्यक्ति को सोशल मीडिया का उपयोग करने से रोक सकता है या नहीं इस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई.

सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करने की शर्त पर जमानत देने का मामला, SC ने केंद्र-UP सरकार से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम इस कानून लाना चाहते हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

जमानत देते समय ट्रायल कोर्ट किसी व्यक्ति को सोशल मीडिया का उपयोग करने से रोक सकता है या नहीं इस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट इस सवाल पर विचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट में ट्रायल कोर्ट के एक फैसले को चुनौती देते हुए याचिका डाली गई है, जिसमें अदालत ने आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी है कि वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेगा. 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. सुप्रीम कोर्ट के सामने सवाल ये है कि क्या इस तरह के प्रतिबंध तब लगाए जा सकते हैं जब अपराध का सोशल मीडिया पहुंच से कोई लेना-देना न हो. 

शीर्ष न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस ए बोबडे ने कहा, "हमें नहीं लगता कि यह बहुत बुरा है कि अगर सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति की भागीदारी क्षति करती है तो अदालत यह क्यों नहीं कह सकती कि आप उस उपकरण का उपयोग न करें जिसके द्वारा आप क्षति करते हैं? 

याचिकाकर्ता की ओर से सलमान खुर्शीद ने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ सोशल मीडिया के इस्तेमाल से संबंधित कोई आरोप नहीं है. CJI ने कहा कि हम इस पर कानून बनाना चाहते हैं. 

दरअसल उत्तर प्रदेश की एक ट्रायल कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है जिसमें आरोपी को जमानत देते समय सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना करने की शर्त लगाई गई है.

वीडियो: हार्ले डेविडसन की सुपरबाइक पर नजर आए CJI एसए बोबडे

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